21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन, दूध में मिलावट करने वाले मस्त, पीने वालों की आंतों में आ रही सूजन

- हाईकोर्ट का आदेश सैंपलिंग नहीं मिलावट खोरों के अड्डे पकड़ो, मिलावट का कारोबार करने वालों तक नहीं पहुंचता विभाग- विभाग दूधियों को पकड़कर नमूने इकट्ठा कर रहा - मिलावट माफिया के खिलाफ शुद्ध के लिए युद्ध अभियान  

3 min read
Google source verification
adulteration_in_milk_after_high_court_instructions.jpg

हाईकोर्ट ने मिलावट खोरी को रोकने के लिए सैंपलिंग की बजाए उनके अड्डों को पकडऩे का आदेश दिया है, लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी कोर्ट की मंशा को पलीता लगा रहे हैं। शहर के प्रवेश द्वार पर दूधियों को पकडक़र नमूना इकट्ठा करने में लगे हैं, लेकिन मिलावट खोरों के अड्डों तक नहीं पहुंचे हैं। ऐसी स्थिति में मिलावट के कारोबार पर प्रहार नहीं हुआ है। कोर्ट में पालन प्रतिवेदन रिपोर्ट पेश करने के लिए कागजी आंकड़े तैयार किए जा रहे हैं। पांच दिन के भीतर करीब 50 सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें भोपाल भेजा गया है।

दरअसल ग्वालियर चंबल संभाग के भिंड व मुरैना में मिलावट माफिया सक्रिय है। भिंड व मुरैना में तैयार होने वाला मिलावटी दूध, दही, मावा, पनीर, घी को ग्वालियर भेजा जाता है और यहां से दूसरों शहरों में सप्लाई की जाती है, लेकिन मिलावट माफिया के ऊपर अब तक प्रभावी कार्रवाई नहीं हो सकी है। हाईकोर्ट ने मिलावट को रोकने के लिए किए गए प्रयासों पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने खाद्य विभाग के अधिकारियों को आदेश दिए थे कि सैंपल से मिलावट नहीं रुकेगी। अड्डों तक पहुंचना होगा। दीपावली के समय मावा पकड़ा गया था, उनकी सूचना दूसरे जिलों को भेज दी। दूसरे जिलों ने क्या कार्रवाई की, उसकी कोई सुध नहीं ली।

इसलिए शुरू किया दूधियों के खिलाफ अभियान

- हाईकोर्ट में 7 दिसंबर को अवमानना याचिका की सुनवाई संभावित है। इस सुनवाई के दौरान खाद्य विभाग के अधिकारियों को मौजूद रहना है। साथ ही मिलावट को लेकर क्या कार्रवाई की है। इस सुनवाई को ध्यान में रखते हुए सैंपल लिए गए हैं।

- भिंड व मुरैना से आने वाले दूध के सैंपल लिए गए। सैंपल लेने के बाद यह दूध लोगों तक पहुंच गया। मौके पर तय नहीं हो सका है कि दूध मानव जीवन के लिए खतरनाक है या नहीं।

- जो सैंपल भेजे गए हैं, वह तीन महीने बाद ही मिलेंगे।

दो तरह से हो रही कार्रवाई

अमानक

खाद्य विभाग जो नमूना लेता है, यदि दूध में फैट की मात्रा कम रहती है। जैसे पानी मिलाने से फैट कम हो जाती है। उसे अमानक माना जाता है। इसे मानव जीवन के लिए खतरा नहीं मानते हैं। इसमें जुर्माने की कार्रवाई की जाती है।

असुरक्षित

दूसरी श्रेणी असुरक्षित की है। यदि दूध, दही, पनीर व मावा, घी में केमिकल मिला है। केमिकल मिले खाद्य पदार्थ को असुरक्षित श्रेणी में रखा जाता है। इसमें अभियोजन किया जाता है।

- 19 नवंबर को 19 फर्मों की खाद्य सामग्री की रिपोर्ट आई थी, जिसमें ये अमानक निकले थे। दूध की सामग्री में फैट कम थी।

एक्सपर्ट

छोटी व बड़ी आंत में आती है सूजन

- यदि मिलावटी सामान को खाया जाता तो छोटी व बड़ी आंत में सूजन आती है। इससे उल्टी व दस्त होने लगते हैं। यदि व्यक्ति लगातार मिलावटी सामग्री का उपयोग कर रहा है तो लीवर व किडनी खराब हो सकते हैं। इनके फेल होने की संभावना भी रहती है। मिलावटी सामग्री का सेवन बंद नहीं किया और जारी रहता है तो कैंसर की भी संभावना रहती है। मिलावटी सामान मानव जीवन के लिए खतरनाक है।

- डॉ. अजयपाल सिंह, प्रोफेसर जीआरएमसी

इनका कहना है
- ग्वालियर में मिलावट सामान तैयार नहीं हो रहा है। भिंड व मुरैना से आपूर्ति है। भिंड व मुरैना से आने वाले मावे को पकड़ा था। वहां के विभाग को इसकी सूचना दी गई थी कि मौके पर जाकर निर्माण केंद्र की जांच की जाए। सैंपल आने के बाद ही तय हो पाता है कि सामग्री कितनी खतरनाक है।
- अशोक चौहान, अभिहीत अधिकारी (एसडीएम)

ये भी पढ़ें : MP Election 2023: पहले खोलना होगा बड़ा लिफाफा, यदि एक सामग्री मिलती है तो माना जाएगा निरस्त
ये भी पढ़ें :MP Election 2023: कलेक्टर बोले मतगणना रहेगी धीमी, जब तक संतुष्ट नहीं हो जाएंगे अगले राउंड की नहीं होगी शुरुआत