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Cyber Fraud का नया तरीका AI Voice Call Fraud मोबाइल पर बात, तो गौर से सुनें, अपनों की आवाज में बात कर रहे criminals

AI Voice Call Fraud आजकल साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका AI Voice Call खोज लिया है। और यह है एआइ यानी आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस। हो गए ना शॉक्ड, तो हैरान होने के बजाय इस खबर को ध्यान से पढ़ लें और सायबर ठगी से सेफ रहें...

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AI Voice Call Fraud इन दिनों प्रदेश भर में ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें मोबाइल की घंटी बजती है, आप बिजी हैं लेकिन कॉल रिसीव करते हैं आवाज आती है अरे मैं... बोल रहा हूं या रही हूं, इधर से आप उस आवाज को अपने फ्रेंड की आवाज सुनकर खुशी से बातचीत भी करना शुरू कर देते हैं। पर ये क्या बात करते-करते आप कब सायबर ठगी का शिकार हो जाते हैं आपको पता भी नहीं चलता। थोड़ी देर परेशान होकर जब आप मामले की तह में पहुंचते हैं तो पता चलता है जिसे आपने अपना दोस्त या रिश्तेदार समझा वास्तव में वो वह था ही नहीं। जी हां आजकल साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका AI Voice Call खोज लिया है। और यह है एआइ यानी आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस। हो गए ना शॉक्ड, तो हैरान होने के बजाय इस खबर को ध्यान से पढ़ लें और सायबर ठगी से सेफ रहें...

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आजकल काम को आसान करने और जल्दी करने के लिए एआई तकनीक सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जा रही है। लेकिन इसकी शुरुआत से ही इसके साइड इफेक्ट आना भी शुरू हो गए हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियां इसकी मदद से काम कर रही हैं। लेकिन अब आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का इस्तेमाल सायबर फ्रॉड करने वाले ठग भी करने लगे हैं। एआइ का इस्तेमाल कर ठग आवाज बदल रहे हैं, आपके अपनों की आवाज में आपसे बात कर रहे हैं। उनकी ठगी के जाल में कई लोग आ भी चुके हैं।

इनके साथ हुई ठगी

- ऐसा ही एक कॉल आया बहोड़ापुर में रहने वाले ठेकेदार के पास। यह कॉल पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव के नाम से आया था। उन्होंने रिसीव किया और उनके साथ इस तरह 20 लाख रुपए की ठगी की गई।

- वहीं शताब्दीपुरम में रहने वाली एक टीचर के पास उनका पड़ोसी बनकर कॉल किया गया। मदद के नाम पर इनसे पैसे खाते में जमा कराने को कहा गया। इन्होंने मदद में मांगी गई राशि जमा भी करवा दी, बाद में ठगी के शिकार होने का पता चला।

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एआइ के इस्तेमाल से ऐसे किया जा रहा फ्रॉड

- आपको बता दें कि एआइ से फ्रॉड की शुरुआत तभी हो जाती है जब आप अनसेफ एप्लीकेशन डाउनलोड करते हैं।

- एप्लीकेशन मोबाइल में डाउनलोड करने के बाद यह काम तभी करते हैं, जब गैलरी, मीडिया फाइल्स, डाक्यूमेंट्स फाइल, कांटेक्ट, लोकेशन का एक्सेस ले लेते हैं।

- इसके बाद इन सायबर क्रिमिनल्स के पास हर एक फोन की जानकारी पहुंच जाती है।

- इन्हीं में से कुछ आवाज ठग कॉपी करते हैं, एआइ टूल्स का इस्तेमाल कर हूबहू ऐसी आवाज कन्वर्ट करने का प्रोग्राम तैयार करते हैं।

- फिर जो भी इन टूल्स का इस्तेमाल कर कॉल करता है, उसकी आवाज बिलकुल आपके अपने की तरफ ही सुनाई देगी।

- फिर ये लोग कभी मदद तो कभी बीमारी या अन्य कोई जरूरत बताकर फोन करते हैं। लोग इनके झांसे में आ जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं।

ऐसे रहेंगे सेफ

- कभी भी इस तरह का फोन आए और फोन पर जो आवाज आ रही है, वह आपके स्वजन, रिश्तेदार या करीबी की लगे तो बात होने के बाद उनके उस नंबर पर कॉल जरूर करें जो आपके पास हैं। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि फोन उन्हीं ने किया है या फिर कोई ठग आवाज बदलकर कॉल कर रहा है।

- अगर इस तरह फोन कर कोई आपके खाते में पैसे मंगवाने की बात करे तो, बिल्कुल यकीन न करें।

- उसके द्वारा भेजी गई Link या Barcode को स्कैन न करें। इससे आपका ही खाता खाली हो सकता है।

- इस तरह के नंबर से फोन आने पर जब यह स्पष्ट हो जाए कि वह कोई ठग है तो तुरंत सायबर क्राइम के हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।

- क्राइम ब्रांच की सायबर सेल में शिकायत की जा सकती है।

- सायबर क्राइम के Online Portal पर भी शिकायत की जा सकती है।

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