
गहराई से सोचने और खोज करने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है चेस
ग्वालियर. चेस गहराई से सोचने और खोज करने की प्रवृत्ति को बढ़ाता है। इसे कल्पना का विकास होता है, जो भविष्य के बारे में सोचने की क्षमता को बढ़ाता है। क्या सही क्या गलत आगे क्या करना सही रहेगा, यह सोचने की क्षमता भी चेस से मिलती है। चेस के गेम से बच्चे प्लानिंग, विश्वास, अनुशासन सीखते हैं। यह बात जीवाजी क्लब के सचिव डॉ.नीरज कौल ने कही, वे दस दिवसीय शतरंज महोत्सव के पुरस्कार वितरण समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से बोल रहे थे। इस मौके पर विजय गुप्ता, श्वेता मिड्ढा, दीपिका मित्तल, ऋषभ जैन आदि मौजूद थे।
बालिका वर्ग की विजेता
अदिति माहेश्वरी, अन्विता शेजवलकर, अर्निका सिंह, अविका गुप्ता, भव्या शर्मा, ध्रुविका गुप्ता, इलिशा मित्तल, इशिका गर्ग, लेहर गर्ग, मन्नत कलानी, नाम्या कलानी, नायसा आडवाणी, परिधि गेही, पूर्वी होतवाणी, साक्षी जैन, सृष्टि गुप्ता, तन्वी अग्रवाल।
बालक वर्ग के विजेता
आदित्य विक्रम, आदित्य गुप्ता, भव्य मतलानी, दिवित गंगवाल, हार्दिक राजपूत, हितांशु जैन, खुश मित्तल, कुणाल आडवाणी, लक्ष्य कोहली, मोनिक चौथानी, निकुंज मित्तल, पार्थ शर्मा, राम शर्मा, रोहन अग्रवाल, रिधन ढींगरा, उज्जवल मिश्रा, आमर्ष मिश्रा, आदित्य गोयल, आयांश अग्रवाल, पलाश बजाज, मुदित बंसल।
इन्हें मिले स्पेशल पुरस्कार
अनुकृति जैन को शतरंज में सर्वश्रेष्ठ समर्पित अवॉर्ड से नवाजा गया। इसके साथ ही रुद्रांश खरे, प्रांजल डेंगरे, यश गर्ग, प्रांजल जैन, पुष्पक अग्रवाल, जतिन मलकानी, उन्नति अग्रवाल को 2000, 1500, 1000, 500, 500, 300, 200 रुपए क्रमानुसार नगद पुरस्कार और ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया गया।
Published on:
12 Jun 2019 01:07 am
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