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बड़ों को समझाने बच्चे बना रहे राखियां

कहते हैं बच्चे और युवा देश का भविष्य हैं और वे जो चाह लें वह होकर ही रहता है। पत्रिका के आह्वान पर चाइनीज आयटम्स के बहिष्कार मुहिम को उन्होंने समझा और खुद उतर आए मैदान पर।

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Avdesh Shrivastava

Jul 31, 2017

children making rakhi

children making rakhi

ग्वालियर.
कहते हैं बच्चे
और युवा देश का भविष्य हैं और
वे जो चाह लें वह होकर ही रहता
है। पत्रिका के आह्वान पर
चाइनीज आयटम्स के बहिष्कार
मुहिम को उन्होंने समझा और
खुद उतर आए मैदान पर। शहर की
संस्थाओं ने भी इस अभियान का
फुल सपोर्ट किया। इसी क्रम
में आज की बेटियां संस्था की
ओर से इन दिनों नि
:शुल्क
वर्कशॉप का आयोजन किया जा रहा
है। इसमें उन्हें पेपर क्वेलिंग
से राखी
, गिफ्ट
आयटम्स
, गिफ्ट
बॉक्स
, फोटो
फ्रेम बनाने सिखाए जा रहे हैं।

राखियां
व रिटर्न गिफ्ट

राखी
का पर्व नजदीक है। हर घर में
राखियां पहुंचेंगी और बहनें
अपने भाई को रिटर्न गिफ्ट भी
देंगी। तो क्यों न वे अपने
इंडिया में बने आयटम्स ही
खरीदें। इसे लेकर मार्केट भी
सज चुका है। साथ ही संस्थाओं
द्वारा एग्जीबिशन भी लगाई
जाएगी। इसमें वर्कशॉप पर तैयार
किए आयटम्स को सेल किया जाएगा।
इस वर्कशॉप में
60 से
अधिक बच्चे और युवा अपनी
क्रिएटिविटी दिखाते नजर आ
रहे हैं। उनका उद्देश्य भी
मार्केट में चाइनीज आयटम्स
की खरीदारी को कम करना है।

4
5 को
एग्जीबिशन

संस्था
की ओर से
4
5 अगस्त
को एग्जीबिशन का आयोजन किया
जाएगा। इसमें शहरवासी राखियां
और गिफ्ट आयटम्स देखने के साथ
ही खरीदारी भी कर सकेंगे। इस
एग्जीबिशन का उद्देश्य कमाई
करना नहीं
, बल्कि
लोगों को चाइनीज आयटम्स के
बहिष्कार का एक मैसेज देना
है।

मैंने
पत्रिका के अभियान से प्रेरित
होकर बच्चों के लिए वर्कशॉप
की शुरुआत की। इसमें उन्हें
पेपर क्वेलिंग से राखियां
,
गिफ्ट पैक,
बॉक्स,
फोटो फ्रेम
सिखाया जा रहा है। जल्द ही
इसकी एग्जीबिशन भी लगाई जाएगी।

विजेता
सिंह
,
अध्यक्ष,
आज की बेटियां