
ग्वालियर. मध्य प्रदेश में कोरोना के बाद अब तक डेंगू खतरनाक रूप लेता जा रहा है। प्रदेश में डेगूं से मरीजों की मौत का आंकड़ा बड़ता जा रहा है। प्रदेश में एक साथ 2060 मरीज मिलने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप की स्थिति बन गई है। ग्वालियर में डेंगू से 6 बच्चों सहित 7 लोगों की मौत हो गई है।
हालांकि बिगड़ते हालात के बीच जिला प्रशासन कोरोना की दूसरी लहर की तरह पर्याप्त इंतजाम होने के तमाम दावे कर रहा है। लेकिन अस्पतालों में जाने पर हकीकत सामने आ जाती है। सिर्फ ग्वालियर की बात करें तो अंचल के सबसे बड़े अस्पताल जेएएच में भी पर्याप्त इंतजाम दिखाई नहीं देते यही हाल जिला अस्पताल का है। जिले में डेंगू की रोकथाम का नकाफी इंतजाम लोगों की जान पर भारी पड़ रहे हैं।
अस्पतालों में मरीजों को समुचित इलाज नहीं मिल पा रहा है वही जिन मरीजों की हालत गंभीर है उनको जंबो प्लेटलेट तक मुहैया नहीं हो पा रही है। पिछले 20 दिनों से सरकारी ब्लड बैंकों में जंबो प्लेटलेट उपलब्ध नहीं है। अस्पतालों में जरूरी दवाओं का टोटा है। हालात इतने खराब है कि मेडिकल कॉलेज के जयारोग्य चिकित्सालय में मरीजों को बैनुला और पैरासिटामोल आईबी के लिए भी बाजार जाना पड़ता है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार ग्वालियर जिले में 2060 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। और ये वो आंकड़े हैं जो जीआर मेडिकल कॉलेज के माइक्रो बायोलॉजी लैब और जिला अस्पताल की लैब से मिले हैं। वही अगर निजी लेब की बात करें तो निजी लैब पर आने वाले सेंपल में से हर रोज 10 से 15 डेंगू के मामलों की पुष्टि हो रही है। अगर दोनों आकड़ों को मिला लिया जाए तो कुल मरीजों की संख्या 4 हजार से ज्यादा हो चुकी है। वही प्रशासन जानबूझकर निजी लैब से आंकड़े नहीं बुला रहा है। जिससे डेंगू की वास्तविक आंकड़े में सामने नहीं आ पा रहे हैं।
Published on:
13 Nov 2021 05:23 pm
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