
कामना रहित हो भक्ति तभी मिलेगा फल
ग्वालियर. एक ओर शहर में इंद्रदेव जलवर्षा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर डीडवाना ओली स्थित माहेश्वरी भवन मेें वैंकटेश प्रपन्नाचार्य श्रीमद्भागवत कथा की अमतृवर्षा कर रहे हैं। कथा के दूसरे दिन कपिल उपाख्यान की कथा कहते हुए उन्होंने कहा कि भक्ति कामना रहित होना चाहिए। बिना कामना के भक्ति करेंगे तो वैराग्य जाग्रत होगा, जिससे आपका कल्याण होगा। उन्होंने कहा कि भक्ति में कामना नहीं होनी चाहिए। कामना से भक्ति दूषित हो जाती है। हम पाप को किंचित धर्म के आवरण से ढंकना चाहते हैं। धर्म विहीन जीवन पशु के समान होता है। धर्म का परित्याग करके जीना बिना अग्नि के यज्ञ के समान है। सत्यम परम धीमही, यानि सत्य से बढकऱ कोई धर्म नहीं हैं और धर्म से बढकऱ कोई सत्य नहीं हैं। मानव जीवन का उद्देश्य सिर्फ कमाना खाना नहीं हैं। 84 लाख यौनियों में विचरण करने के बाद मनुष्य का जन्म मिलता है, इसलिए ध्यान रखें कि जीवन की गति बिगड़ी तो दुर्गति निश्चित है। प्रपन्नाचार्य महाराज ने कहा कि भौतिकवाद की व्यापकता में सुख नहीं हैं। दु:खों से निकलने का मार्ग भगवान की कथा है। संसार में मनुष्य सुख भोगने के लिए कर्म करता है, लेकिन उसे सुख मिलता नहीं हैं। उन्होंने कथा के दौरान विभिन्न प्रकार के टोटके बताने वाले कथाचार्यों को आडंबरी कहते हुए कहा कि जो ये कहते हैं कि ये करने से ये हो जाएगा, वे सिर्फ अंधविश्वास को बढ़ावा देते हैं। जीवन में कुछ हासिल करना चाहते हो तो कर्म पर विश्वास रखो। कथा से पूर्व कृष्ण गोपाल लड्डा, राम उपाध्याय, विमल रोल्या, तरुण तापडिय़ा, डॉ.मीना मूंदड़ा, दुर्गेश वर्मा, नीरू सोढानी, संगीता सोढानी आदि ने श्रीमद्भागवत की आरती की।
23 सितंबर को होगी भक्त प्रहलाद चरित्र की कथा
23 सितंबर को भक्त प्रहलाद चरित्र, 24 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, 25 सितंबर को गिरिराज महोत्सव, 26 सितंबर को रासलीला, 27 सितंबर को सुदामा चरित्र की कथा का वाचन होगा। 28 सितंबर को हवन पूजन के बाद प्रसादी का वितरण किया जाएगा।
Published on:
22 Sept 2022 10:56 pm
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