
रात में ड्यूटी कक्ष में सोते रहते डॉक्टर, मरीज परेशान
ग्वालियर. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार निर्देश दिए जाने के बावजूद शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के शासकीय अस्पतालों के हालातों में सुधार होते हुए नहीं दिख रहा है। खासकर रात में शासकीय अस्पतालों के हालात और बदतर हो जाते हैं। इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर रात में ड्यूटी कक्ष में आराम फरमाते रहते हैं। उनसे किसी मरीज द्वारा उपचार कराने की बात कही जाती है तो वह सुबह आने के लिए कहते हैं, लेकिन जब मरीजों द्वारा जोर देकर कहा जाता है कि उन्हें तत्काल उपचार की जरूरत है तो डॉक्टर अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों को उनका उपचार करने के लिए कह देते हैं। इसका खुलासा एक्सपोज रिपोर्टर द्वारा शासकीय अस्पतालों में की गई पड़ताल के दौरान हुआ।
एक्सपोज रिपोर्टर रात 11.30 बजे हजीरा सिविल अस्पताल में मरीज बनकर उपचार कराने के लिए पहुंचा। यहां डॉ. विजय कुमार की इमरजेंसी ड्यूटी थी, लेकिन वह ड्यूटी कक्ष में सो रहे थे। वहां मौजूद कर्मचारियों से कहा कि डॉक्टर से इलाज कराना है, तो कर्मचारी ने कहा कि अंदर कक्ष में चले जाओ, कक्ष में पहुंचकर आवाज लगाने पर पहले तो डॉक्टर ने कहा कि सुबह आकर उपचार कराना, जब रिपोर्टर द्वारा कहा गया कि उसे दर्द ज्यादा हो रहा है, तो डॉक्टर उठकर बैठ गया और पास वाले कक्ष से एक कर्मचारी को बुलाकर कहा कि इन्हें इंजेक्शन लगा दो, जिससे दर्द बंद हो जाएगा। कर्मचारी ने भी इंजेक्शन लगाकर बिना किसी दवा के चलता कर दिया। इस तरह रात में मरीजों को उपचार के लिए कर्मचारियों के भरोसे रहना पड़ता है। जबकि कई बार अधिकारियों द्वारा डॉक्टरों को हिदायत भी दी जा चुकी है कि इमरजेंसी केस में डॉक्टरों को तत्काल मरीज का उपचार करना चाहिए।
पूछताछ केन्द्र पर भी नहीं मिलती जानकारी
रिपोर्टर द्वारा रात 12.10 बजे मुरार स्थित जिला अस्पताल में व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया तो देखा कि अस्पताल के गेट पर कोई चौकीदार मौजूद नहीं था, अंदर प्रवेश करने पर पूछताछ काउंटर था, जहां पर कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। ऐसे में अगर कोई मरीज रात में इमरजेंसी में उपचार कराने के लिए पहुंचता है तो उसे यह जानकारी नहीं मिल पाती है कि कौन से डॉक्टर की ड्यूटी है और वह कहां पर मिलेंगे। इस तरह से मरीजों को अस्पताल में डॉक्टरों का इंतजार करना पड़ता है। कई बार इंंतजार के बाद भी डॉक्टर नहीं मिलते हैं, ऐसे में मरीजों को बिना उपचार कराए ही लौटना पड़ता है।
रातभर करना पड़ता है डॉक्टर का इंतजार
मुरार स्थित जिला अस्पताल में मरीज रातभर डॉक्टरों के आने का इंतजार करते हुए देखे जा सकते हैं। क्योंकि रात होते ही डॉक्टर मरीजों को ड्रिप लगाकर और दवाएं देकर चले जाते हैं। ऐसे में मरीज रातभर दर्द से कराहते रहते हैं, उनकी देखभाल करने के लिए अस्पताल में कोई नहीं होता है। इससे मरीजों को काफी परेशानी होती है। मरीज को दर्द से कराहते हुए देख परिजनों द्वारा पूरे अस्पताल में डॉक्टरों की तलाश की जाती है, लेकिन डॉक्टर नहीं मिलते हैं। ऐसे में कई मरीजों को उनके परिजन रात में ही प्राइवेट अस्पताल में ले जाते हैं, साथ ही कई मरीजों को रात में इंतजार करना पड़ता है। सुबह होने पर डॉक्टरों के आने पर ही उपचार मिल पाता है।
गंभीरता से कराई जाएगी जांच
-शासकीय अस्पतालों मेें रात में डॉक्टरों की इमरजेंसी ड्यूटी लगाई गई है, इसके बावजूद अगर डॉक्टर ड्यूटी से गायब मिल रहे हैं तो इस मामले की गंभीरता से जांच कराई जाएगी। जो भी डॉक्टर इमरजेंसी ड्यूटी में गायब मिलेगा उसे नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा। शासकीय अस्पतालों में उपचार के लिए मरीजों को परेशान न होना पड़े, इसके लिए व्यवस्थाओं में सुधार के प्रयास किए जा रहे हैं।
डॉ. मृदुल सक्सेना, सीएमएचओ
Published on:
05 Aug 2019 10:11 am
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