
ग्वालियर। शहर में पानी और सीवर की समस्या के निदान के लिए लायी गयी 733 करोड़ की अमृत योजना ठन्डे बस्ते में जाती हुई दिख रही है। पांच साल बाद भी लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मुहैया कराया जा रहा है। और कुछ जगहों पर अभी भी सीवर की समस्या का समाधान नहीं हुआ है। हालत ये हो गए हैं, कि अब नगर निगम के अधिकारी ही कार्यों की रुपरेखा और उसके क्रियान्वन पर सवाल खड़े कर रहे है। इससे योजना में भ्रष्टाचार की तस्वीर साफ दिखाई दे रही है। मंगलवार को अनेक कंपनी द्वारा कराये गए कार्यों का मुल्यांकन किया जायेगा, जिसमें निगम द्वारा किये गए घपले के उजागर होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
पानी की लाइनें टूटने की मिल रही शिकायतें
अमृत योजना के तहत कराये गए कार्यों में सीवर के उफनने एवं पानी की टंकी टूटने की शिकायत आयेदिन नगर आयुक्त के पास भेजी जा रही हैं। इन शिकायतों से जनता भी तंग आ चुकी है। और इसके समाधान की उम्मीद लगाए बैठी है। अभी इसके पहले फेज का कार्य भी पूरा नहीं हुआ है , और निगम ने दूसरे फेज पर भी कार्य चालू कर दिया है। नगर में पानी की टंकी और सीवर की समस्या के निदान के लिए लाई गयी अमृत योजना को 2017 में पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही और ठेकेदारों के भ्रष्टाचार के कारण ये योजना साढ़े पांच साल में भी पूरी होती हुई नहीं दिख रही।
परेशान हो चुके हैं लोग
सेवा नगर, राजीव आवास, कुंज विहार, गंगा विहार, गेंडे वाली सड़क, न्यू शांति नगर सहित अनेक स्थानों पर वाटर लाइन के लिए अभी भी खुदाई ही चल रही है। वहीँ जिन इलाकों में सड़कें खोदी गई थीं, वहां मरम्मत भी नहीं हो सकी है। इन मोहल्लों में अभी तक इंटर कनेक्शन भी नहीं हुए है। अफसरों ने दावा किया था, १२ मीटर अर्थात ३ मंजिल तक पानी पहुँचाया जायेगा। लेकिन हालत ये है की अभी १ मंजिल भी पानी नहीं पहुँचाया जा रहा है। नगर में पानी की समस्या व सीवर की अव्यवस्था से जूझ रहे लोग तंग आ चुके हैं , और जल्द समस्या के निदान की मांग कर रहे हैं।
Published on:
30 Aug 2022 05:30 pm
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