19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

देसी घी में मिलाता था केमिकल

शहर में लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले पर नकेल कसते हुए न्यायालय ने कारोबारी को छह माह की सजा दी है। ये कारोबारी  केमिकल मिलाकर नकली घी बनाता था

less than 1 minute read
Google source verification

image

Avdesh Shrivastava

Jul 29, 2017

Adulteration

Adulteration

ग्वालियर.
अमूल,
सांची और
इंडाना आदि नाम से सिंथेटिक
पावडर व केमिकल डालकर नकली
घी बनाने वाले वीरू कुशवाह
को विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट
आदेश कुमार जैन ने छह माह के
कारावास की सजा सुनाई है।
आरोपी पर
1500 रुपए
जुर्माना भी किया गया है।


न्यायिक
मजिस्ट्रेट आदेश कुमार जैन
ने आरोपी वीरू कुशवाह को नकली
घी का कारखाना चलाने तथा कारखाने
में अमानक
, मिथ्याछाप
और अपमिश्रित घी की बिक्री
करने के लिए अपमिश्रण निवारण
अधिनियम की विभिन्न धाराओं
में यह सजा सुनाई है। खाद्या
विभाग की टीम ने
5 जुलाई
2010 को
बापू इंडेन गैस गोदाम के जयपुर में बल्ला कुशवाह
निवासी
12 बीघा
आनंद नगर के पास की फैक्ट्री
पर छापामार कार्रवाई करते
हुए श्री श्यामा प्रीमियम
शुद्ध घी के नमूने जब्त किए
थे। खाद्य विभाग के निरीक्षक
ने जब आरोपी से पीएफए
1954
का वर्ष
2010-2011 का
लाइसेंस मांगा तो वह भी उसके
पास नहीं था। टीम ने घी के नमूने
लेकर भोपाल प्रयोगशाला में
भेजा गया। जांच में यह घी
मिलावटी तथा मिथ्याछाप पाया
गया। यह रिपोर्ट न्यायालय
में प्रस्तुत की गई।


ब्रांडेड
कंपनी के मिले थे लेबल


टीम द्वारा
जब आरोपी के कारखाने में छापामार
कार्रवाई की गई तो कारखाने
से
22 प्रकार
की स्क्रीन प्रिंटिंग डाई
जैसे अमूल
, सांची
आदि की पैकिंग
, 15 टीन
महाकोष तेल के जब्त किए गए थे।
उक्त देसी घी निम्न स्तर के
रिफाइंड
, वनस्पति,
सिंथेटिक
पावडर में केमिकल डालकर बनाया
जाता था। न्यायालय ने इस मामले
में जहां कारखाना चल रहा था
उसके मालिक को दोषमुक्त कर
दिया।