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गोदाम में लगी आग, जल गए इस परिवार के सपने, आंखों के राख हुआ सबकुछ

नाका चंद्रवदनी चौराहे के पास स्थित आबकारी विभाग के गोदाम से दोपहर 2 बजे आग की लपटें उठने लगीं। आसपास के लोगों ने आग की लपटें

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fire in gowdown

ग्वालियर। नाका चंद्रवदनी चौराहे के पास स्थित आबकारी विभाग के गोदाम से दोपहर 2 बजे आग की लपटें उठने लगीं। आसपास के लोगों ने आग की लपटें देखीं तो वे दहशत में आ गए। मामले की सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी गई। फायर ब्रिगेड जब तक पहुंचती आग विकराल रूप धारण कर चुकी थी। आबकारी के गोदाम के पास स्थित तीन और गोदाम को आग ने अपनी चपेट में ले लिया। आग से करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया। वहीं मार्च के अंत में आबकारी गोदाम में आग लगने पर सवालिया निशान भी लगने शुरू हो गए।

बताया जाता है कि जिस समय आग लगी उस समय गोदाम में कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। आबकारी के गोदाम में लगी आग से बापना का बीयर का गोदाम सहित जुनेजा का प्लास्टिक का गोदाम भी आग में स्वाहा हो गया। वहीं गोयल टेंट हाउस के गोदाम परिसर में पड़े कबाड़ में भी आग लग जाने से काफी नुकसान हो गया। रविवार दोपहर दो बजे लगी आग को पूरी तरह से काबू पाने में 6 घंटे का समय लग गया। इस दौरान फायर ब्रिगेड की 25 से अधिक गाडिय़ों से पानी डालकर आग को बुझाने के प्रयास चलते रहे

दूर से देखा जा सकता था धुआं
गोदाम में रखा प्लास्टिक का सामान में लगी आग से उठा धुआं काफी दूर से लोगों को दिखाई दे रहा था। वहीं गोदाम के आस-पास दूसरे लोगों के गोदाम और संपत्तियां थी, जहां तक आग पहुंचने का डर लोगों के मन में बैठ गया। हालांकि आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड के साथ ही आसपास के लोगों ने भी काफी मशक्कत की।

बचाए तीन ट्रक
मौके पर तीन ट्रक शराब के उतारे जाने थे, जिसे फायर ब्रिगेड की मदद से बाहर निकाला गया। वहीं आग बुझाने के लिए कर्मचारी गोदाम में दाखिल नहीं हो पा रहे थे, जिस पर निगम की जेसीबी मौके पर पहुंची और गोदाम की दीवारों को तोड़कर आग बुझाने कि कार्रवाई तेज की गई।

शराब के गोदाम में आग लगने से मौके पर लोगों में तमाम प्रकार की चर्चाएं जोरों पर रहीं। इसका कारण यह भी था कि जिस समय आग लगी उस दौरान कोई भी कर्मचारी गोदाम पर मौजूद नहीं था। अग्निशमन यंत्र भी मौके पर नहीं थे। सूत्रों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 का आखिरी समय चल रहा है। इस दौरान आग में भारी नुकसान दिखाकर बड़ा गोलमाल किया जा सकता है। बहरहाल आबकारी एवं अन्य गोदाम संचालकों के कर्मचारी और अग्निशमन यंत्र मौके पर होते तो नुकसान को बचाया जा सकता था। उक्त घटना क्रम में दूसरे गोदाम मालिकों को जो हानि हुई है। उसका आकलन किया जा रहा है।


संदिग्ध है कारण
मामला संदिग्ध लग रहा है। आबकारी के गोदाम पर कोई कर्मचारी नहीं था। सुरक्षा उपकरण भी नहीं थे, जिसके चलते आग ने विकराल रूप ले लिया।
अतिबल सिंह यादव, नोडल अधिकारी फायर ब्रिगेड