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ग्वालियर

आतिशबाजी की खरीदी कम दिखाई जबकि स्टॉक की उपलब्धता अधिक

– मामला गिरवाई स्थित थोक आतिशबाजी कारोबारियों पर जीएसटी राज्य कर विभाग की छापामार कार्रवाई का, बहीखातों में मिली कई अनियमितताएं

ग्वालियरOct 13, 2022 / 11:53 pm

Narendra Kuiya

आतिशबाजी की खरीदी कम दिखाई जबकि स्टॉक की उपलब्धता अधिक

आतिशबाजी की खरीदी कम दिखाई जबकि स्टॉक की उपलब्धता अधिक

ग्वालियर. दीपावली त्योहार के ठीक पहले जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) राज्य कर विभाग ने प्रदेश सहित गिरवाई स्थित थोक आतिशबाजी बाजार के छह आतिशबाजी कारोबारियों के यहां बुधवार को छापामार कार्रवाई प्रारंभ की थी, पुलिस बल के साथ की गई ये कार्रवाई गुरुवार को भी जारी रही। बुधवार को विभाग की टीमों के यहां पहुंचने पर दूसरे कारोबारी अपनी दुकानों के शटर गिराकर यहां से गायब हो गए थे। गिरवाई स्थित आतिशबाजी बाजार में 14 कारोबारियों की दुकानों में से जीएसटी विभाग ने सिर्फ 6 कारोबारियों पर ही कार्रवाई की। गुरुवार को कार्रवाई के दौरान टीमों को बड़ी संख्या में कारोबारियों के स्टॉक में अंतर पाया गया। कारोबारियों की खरीदी के बिलों से स्टॉक का मिलान किया गया, इसमें अधिकारियों ने पाया कि थोक कारोबारियों ने कंपनियों से पटाखों की खरीदी कम दिखाई है, जबकि स्टॉक की उपलब्धता काफी अधिक है। जिन दुकानों पर जीएसटी विभाग ने कार्रवाई की थी, उन्हें सील किया गया था। गुरुवार को स्टॉक की गणना के बाद इन्हें खोल दिया गया। जीएसटी राज्य कर संभाग एक की ज्वाइंट कमिश्नर मिक्की अग्रवाल ने बताया कि कार्रवाई अभी भी जारी है, कारोबारियों के यहां से बड़ी मात्रा में स्टॉक मिला है।
2019 में भी पड़ा था दो कारोबारियों पर छापा
गिरवाई स्थित थोक आतिशबाजी कारोबारियों के यहां पहली बार छापे की कार्रवाई नहीं हुई है। इससे पूर्व 15 अक्टूबर 2019 में यहां के तीन कारोबारियों के यहां जीएसटी राज्य कर विभाग के एंटी इवेजन ब्यूरो ने कार्रवाई की थी। मजे की बात यह है कि इनमें से दो फर्म बांके बिहारी ट्रेडर्स और आरके फायर वक्र्स पर इस बार फिर से छापे की कार्रवाई हुई है। इन सभी कारोबारियों ने उस समय भी कंपनियों से आतिशबाजी की खरीदी कम दिखाई थी, जबकि स्टॉक की उपलब्धता अधिक थी। तब स्टॉक मिलान पूरा होने के बाद विभाग ने तीनों फर्मों पर पेनल्टी के रूप में 50 लाख 26 हजार 56 रुपए की रकम जमा कराई थी। इसके साथ ही हाल ही में गिरवाई क्षेत्र के थोक आतिशबाजी कारोबारियों की गड़बडिय़ों के चलते जिला प्रशासन ने भी इनके लाइसेंस भी रद्द कर दिए थे।

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