
KUNO PALPUR: गिर के शेरों की दहाड़ से बहुत जल्द थर्राएगा श्योपुर का कूनो, प्रबंधन जुटा तैयारियों में
ग्वालियर। आने वाला नया साल संभाग के कूनो-पालपुर अभयारण्य के लिए बेहतर साबित हो सकता है। कारण यह है कि प्रदेश सरकार के प्रयासों के बाद दो दिन पहले श्योपुर के कूनो-पालपुर अभयारण्य को राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा मिल गया है। सरकार के इस फैसले के बाद बब्बर शेरों की बसाहट को लेकर उम्मीद बढ़ी है और अब 23 साल से जारी इंतजार खत्म हो सकता है। वन्य प्राणी विभाग सरकार के माध्यम से इस राष्ट्रीय उद्यान की दावेदारी को और मजबूत कर रहा है ताकि गुजरात से लग रहा अड़ंगा दूर हो सके और फरवरी तक शेरों के आने का रास्ता साफ हो सके। अगर सब कुछ सही रहा तो जनवरी में शेरों के आने पर सहमति को अंतिम स्वरूप दिया जा सकता है और फरवरी में इसको अमल में लाने की पहल शुरू हो जाएगी।
दरअसल, ग्वालियर-चंबल संभाग के श्योपुर जिले में लगभग 413 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तार लिए कूनो-पालपुर अभयारण्य को प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया है। इसके साथ ही गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान से बब्बर शेर (एशियाटिक लॉयन) को लाने का जरिया मिल गया है।
यहां का मामला अभी अटका
प्रदेश सरकार ने कूनो को राष्ट्रीय उद्यान घोषित करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इसके बावजूद घाटीगांव क्षेत्र में सोन चिरैया अभयारण्य और करैरा क्षेत्र में करैरा अभयारण्य को डीनोटिफाई करने का प्रस्ताव अभी भी अटका हुआ है। वन विभाग ने इस क्षेत्र के 25 गांवों को डि-नोटिफ ाई करने का प्रस्ताव सरकार को भेजा था, इन प्रस्तावों को सरकार से स्वीकृति तो पहले ही मिल चुकी है, लेकिन राज्य वन्य प्राणी बोर्ड और केन्द्रीय वन्य प्राणी बोर्ड से अनुमति मिलना अभी बाकी है। यह अनुमति आने के बाद डीनोफिकेशन अमल में आ जाएगा।
कब से जारी है प्रक्रिया
अब क्या होगा
कूनो को राष्ट्रीय उद्यान बनाने का निर्णय हो गया है, शनिवार को शासन ने इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया। शेर देने के लिए अभी गुजरात सरकार तैयार नहीं है। हमारी प्रक्रिया जारी है।करैरा अभयारण्य के पूरे एरिया को डीनोटिफाई करने को लेकर प्रस्ताव जल्द ही सुप्रीम कोर्ट भेजा जाना है।
शाहबाज अहमद, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) भोपाल
Published on:
24 Dec 2018 12:27 pm
बड़ी खबरें
View Allग्वालियर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
