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ग्वालियर में धारा 144 के दौरान नहीं दिखी सख्ती,खुलेआम होते रहे ये काम

ग्वालियर में धारा 144 के दौरान नहीं दिखी सख्ती,खुलेआम होते रहे ये काम

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gwalior dhara 144

ग्वालियर। शहर में मचे कोहराम के बाद भी नगर में आवागमन के मुख्य साधन स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था पर किसी भी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। धारा १४४ लगने के बाद भी स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त नजर आ रही हैं। क्योंकि यहां कोई भी व्यक्ति कहीं से घुस सकता है। उसे किसी भी तरह की पूछताछ नहीं की जा रही है। फिर चाहे व संदिग्ध हो या फिर आमयात्री। स्टेशन पर सुरक्षा व्यवस्था का जयजा लेने उद्ेश्य से जब पत्रिका टीम स्टेशन पर मुंह बांध कर गयी और अपना सामान छोड़कर इधर-उधर घूमने लगी। तकरीब आधे घंटे तक न तो किसी सुरक्षाकर्मी ने उस बेग को जांच करने की कोशिश की और ना ही किसी ने टीम के सदस्य को रोकटोक कर पूछने की आवश्क्ता समझी। यह पूरा घटनाक्रम प्लेटफार्म १ पर जीआरपी थाने के सामने चलता रहा जिसके साक्ष्य स्वरूप वीडियों भी पत्रिका के पास हैं।

नहीं है मेटल डिटेक्टर
बड़े शहरों में शामिल ग्वालियर पर आए दिन वीआइपी व वीवीआइपी आते रहते हैं। ऐसे में स्टेशन पर एक भी मेटल डिटेक्टर नहीं है। जो कि स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। ऐसा नहीं है कि स्टेशन पर मेटल डिटेक्टर नहीं है। लेकिन लगभग २ साल से वह खराब पड़ा हुआ है। और अब तो उसे स्टेशन द्वार से भी हटा दिया गया है। जिससे अब कोई भी बेखोफ स्टेशन परिसर में प्रवेश कर सकता है।

प्लेटफार्म ४ पर भी नहीं है मुख्यद्वार
स्टेशन पर परिसर में चार नंबर प्लेटफार्म पर भी किसी भी प्रकार के मुख्यद्वार की व्यवस्था नहीं है। जिससे कोई भी व्यक्ति परिसर में आसानी से प्रवेश कर सकता है फिर चाहे वो किसी भी प्रकार की प्रवृति क्यों न हो। वहीं स्टेशन परसिर में प्रवेश करने पर किसी भी प्रकार की पूछताछ या सामान की जांच नहीं होती है। जिसके चलते कोई भी व्यक्ति कहीं कुछ भी ले जा सकता है। समान की जांच न होने से कोई भी अपराधिक घटना को आसानी से अंजाम दिया जा सकता है।

अंदर तक आ जाते हैं वाहन
प्लेट क्रमांक चार पर पूछ परख न होने से सवारी वाहन सवारियों को लेने व सवारियों को छोडऩे आए वाहन भी स्टेशन परिसर के भीतर तक आ जाते हैं। वहीं कुछ वाहन तो नो पार्किंग जोन में भी प्रवेश कर जाते हैं। क्योंकि इन वाहन चालकों से किसी भी तरह की पूछताछ नहीं की जाती है। कुछ समय पहले आटो व तीन पहिया वाहनों का रिकार्ड रखने के लिए व्यवस्थाएं शुरु भी की गई थीं लेकिन वर्तमान में सभी व्यवस्थाएं पूरी तरह से ठप्प पड़ी हुई हैं। जिससे यदि किसी यात्री का सामान किसी वाहन में भूलवश चला भी जाता है तो नहीं मिल सकता है। जबकि यदि पहले जैसी सुविधा होती तो रिकार्ड में देखकर आटो चालक को आसानी से ट्रेस किया जा सकता था।