बैठक में प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत शहर को प्रथम चरण में मिलने वाली 60 बसों के संचालन और उनके रूट प्लान पर भी चर्चा की, जिस पर अफसरों ने बताया कि अभी 2,5,10, 4, 7 सहित छह रूटों का सर्वे किया जा चुका है, कई स्थानों पर अतिक्रमण, हाथठेले व जाम की स्थिति मिली है बाकी रूट सर्वे दो-तीन दिन में पूरा हो जाएगा। जिस पर कलेक्टर ने कहा कि जिन रूटों पर अतिक्रमण व जाम की स्थिति है उसे तत्काल सही किया जाए और रूट सर्वे सहित जो भी कार्य है उसे जल्द से जल्द पूरा करें।
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ई-बस के लिए निर्धारित आईएसबीटी व रमौआ पर डिपो के लिए सिविल व इलेक्ट्रिक कार्य के लिए टेंडर जल्द लगाए जाएंगे। इसलिए सभी से समन्वय कर एमपीईबी से एचटी कनेक्शन के कार्य की प्रक्रिया को जल्द करवाया जाए। साथ ही ई-बस के फेयर बॉक्स एजेंसी की निविदा बनाने से पहले टीम को दिल्ली, इंदौर, पूर्ण व मुम्बई भेजा जाए, जहां टीम बस चलाने और कलेक्शन की प्रक्रिया को समझ सके।
60 बसें सितंबर व बाकी 40 मार्च तक मिलेंगी
ई-बस सेवा का क्रियान्वयन दो चरणों में किया जा रहा है। इसमें सिंहस्थ कुंभ को देखते हुए प्रथम चरण में उज्जैन व इंदौर को बस मिलेंगी और दूसरे चरण में ग्वालियर को ई-बस सेवा उपलब्ध होंगी। इसमें 60 बसें सितंबर व बाकी 40 बसें मार्च तक यानी सभी 100 बसें मार्च 2026 तक चालू हो जाएंगी।