
MP Election 2023 : ग्वालियर पूर्व विधानसभा से भाजपा की माया सिंह 1006 वोट से आगे
ग्वालियर संभाग के अंतर्गत आने वाले ग्वालियर जिले की सबसे बड़ी ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट को कभी भाजपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता था, लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव से इस सीट पर कांग्रेस का परचम लहरा रहा है। हालांकि, रविवार को मतगणना के शुरुआती रुझान सामने आने लगे हैं। शुरुआती रुझान में भाजपा प्रत्याशी माया सिंह 1006 वोटों से आगे चल रही हैं।
खास बात ये है कि ग्वालियर चंबल अंचल से आने वाले भाजपा के दो दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों ही इस विधानसभा के ही मतदाता भी हैं। अब इस बार भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर माया सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है तो वहीं कांग्रेस ने इस सीट से अपने मौजूदा विधायक सतीश सिकरवार को ही फिर से मैदान में उतारा है।
17 नवंबर को संपन्न हुए चुनाव में ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट पर 57.33 फीसदी की वोटिंग दर्ज की गई है। वहीं, बात करें 2018 के वोट प्रतिशत की तो पिछली बार इस सीट पर 58.18 प्रतिशत मतदान हुआ था, जबकि 2013 में यहां 54.56 प्रतिशत वोट पड़े थे। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार जनता इस सीट से किस उम्मीदवार को चुनकर मध्य प्रदेश की विधानसभा पहुंचाती है।
विधानसभा के समीकरण
साल 1977 से अस्तित्व में आई ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट पर अबतक 11 बार चुनाव हो चुके हैं। खास बात यह है कि इस सीट पर कुल 6 बार बीजेपी ने जीत दर्ज की है, जबिक 4 बार कांग्रेस को चुना गया है। एक बार जनता पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। मौजूदा समय में 2020 में भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए डॉ सतीश सिकरवार विधायक हैं। सिकरवार ने उपचुनाव में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए सिंधिया समर्थक नेता मुन्नालाल गोयल को चुनाव हराया था। इस प्रकार दल बदल के फेर में पड़ने के बाद भी 2018 में जीती गई ये सीट 2020 के उपचुनाव में भी कांग्रेस के खाते में ही जुड़ी रही।
कांग्रेस के सतीश सिकरवार
कांग्रेस ने इस बार भी ग्वालियर पूर्व सीट पर डॉ. सतीश सिकरवार को ही अपना उम्मीदवार बनाया है। 2020 का उपचुनाव जीतने के बाद इस सीट पर कांग्रेस विधायक डॉ सतीश सिकरवार काबिज हैं। सतीश शिकरवार इससे पहले 2018 में भाजपा के टिकिट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे मुन्नालाल गोयल ने हरा दिया। उपचुनाव से पहले सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल कांग्रेस छोड़ बीजेपी में चले गए थे, जहां से उन्हें टिकिट भी मिल गया। इस बात से खफा सतीश सिकरवार बीजेपी छोड़ कांग्रेस में आ गए। 2020 उपचुनाव में सतीश सिकरवार ने 8555 वोट से मुन्नालाल गोयल को हरा दिया। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े सिकरवार को 49 फीसदी से अधिक वोट मिले, जबकि मुन्नालाल गोयल को 44 फीसदी वोट मिले। इसके बाद तीसरे नंबर पर बसपा के महेश बघेल रहे थे।
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भाजपा की माया सिंह
इधर भारतीय जनता पार्टी ने जिले की सबसे बड़ी सीट ग्वालियर पूर्व विधानसभा पर इस बार पूर्व मंत्री माया सिंह को उम्मीदवार बनाया है। सिंधिया राज घराने से ताल्लुक रखने वाली माया सिंह ज्योतिरादित्य सिंधिया की मामी हैं। यही कारण है कि उन्हें मामी के नाम से ही पुरारा जाता है। इस सीट को कांग्रेस के कब्जे से छीनने के लिए माया सिंह को इस सीट के लिए तुरुप का इक्का माना जा रहा है।
ग्वालियर पूर्व विधानसभा के मतदाता
ग्वालियर पूर्व का विधानसभा क्रमांक 16 है। विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 30 हजार 404 है। इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 75 हजार 133 है, जबकि महिला मतदाता 1 लाख 55 हजार 261 हैं।
ग्वालियर पूर्व विधानसभा की जनता की आवाज
- ग्वालियर पूर्व विधानसभा के अंतर्गत आने वाले हॉस्पिटल रोड के रहवासियों का कहना है कि क्षेत्र की जमीन और मकानों की कीमतें आसमान छू रही हैं। लेकिन, यहां नाले को पाटकर सड़क बना दी गई है। पार्किंग के भी कोई इंतजाम नहीं है।
- सड़क किनारे वाहन और हाथ ठेले खड़े रहने की वजह से यहां आमतौर पर सुबह से शाम तक जाम लगा रहता है। वन-वे रोड होने की वजह से वैसे ही वाहनों का भार अधिक रहता है। वहीं दोनों तरफ वाहन पार्क होने पर लंबा जाम लगा रहता है। लेकिन, जिम्मेदारों का इसपर कोई ध्यान नहीं है।
- क्षेत्रवासियों का कहना है कि यहां लोगों के सामने बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। कई लोग काफी पड़े लिखे हैं पर उनके लिए कोई काम नहीं है।
- कुछ लोगों की खेतीबाड़ी है तो उनको छोड़ दिया जाए तो रोजगार न होने की वजह से बड़ी संख्या में लोगों का यहां गुजारा चला पाना मुश्किल हो रहा है।
- झांसी रोड थाने से विक्की फैक्ट्री, कैंसर पहाड़ी, मुड़िया पहाड़ समेत सरकारी जमीनों को घेरकर अवैध कालोनियों का निर्माण करा दिया गया है। वहीं, कई अवैध बस्तियां भी बस गई हैं।
- खस्ताहाल सड़कों से ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के लोग खासा परेशान हैं। कुल मिलाकर देखें तो इस समस्या से लगभग पूरा शहर जूझ रहा है। चुनाव के बाद चुनी जाने वाली सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
- इलाके के लोगों का कहना है कि यहां स्वास्थ व्यवस्थाएं भी बेहद चरमराई हुई हैं। क्षेत्रीय चिकित्सालय बनने से लोगों को राहत मिलेगी।
- इस क्षेत्र में भी अधिकतर सड़कों पर अतिक्रमण के हालात हैं, जिससे लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इस बार हर सीट पर कांटे की टक्कर
6 जनवरी 2024 को मध्यप्रदेश विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो जाएगा। उससे पहले 3 दिसंबर को चुनाव आयोग नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लेगा। 17 नवंबर को पूरे प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने सभी 230 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। चुनाव से पहले अबतक सामने आए सर्वेक्षणों में ये पता चला है कि इस बार मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के दौरान कांग्रेस और भाजपा के बीच हर सीट पर कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी।
Updated on:
03 Dec 2023 09:56 am
Published on:
04 Nov 2023 05:12 pm
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