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हरिदर्शन स्कूल : कक्षाएं शिफ्ट करने नहीं मिल रही जगह, लटक सकता है रेनोवेशन

नजदीक होने से साइंस कॉलेज में मांगी जगह, प्रभारी प्राचार्य ने बताई कमरों की कमी

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हरिदर्शन स्कूल : कक्षाएं शिफ्ट करने नहीं मिल रही जगह, लटक सकता है रेनोवेशन

हरिदर्शन स्कूल : कक्षाएं शिफ्ट करने नहीं मिल रही जगह, लटक सकता है रेनोवेशन

ग्वालियर. हरिदर्शन स्कूल के रेनोवेशन में फिर देरी हो सकती है। क्योंकि कक्षाओं के दूसरी जगह शिफ्ट न हो पाने के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाया है। अभी केवल बिल्डिंग की दूसरी मंजिल को तोड़ने का काम चल रहा है। जबकि कक्षाएं नीचे की मंजिल पर चल रही हैं। जब तक कक्षाएं शिफ्ट नहीं हो जाएंगी, तब तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाएगा। स्कूल प्रबंधन स्कूल के सामने स्थित साइंस कॉलेज में कक्षाएं शिफ्ट करना चाहता था। लेकिन कॉलेज प्रबंधन ने कमरों की कमी बताते हुए उच्च शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन मांगा है। अब जब तक उच्च शिक्षा विभाग का जवाब नहीं आ जाएगा, तब तक कक्षाएं शिफ्ट नहीं हो पाएंगी।
पहले टेंडर में सिर्फ एक ही कंपनी के रुचि दिखाने से दोबारा टेंडर की प्रक्रिया होने से निर्माण कार्य शुरू होने में देरी हुई। अब बिङ्क्षल्डग खाली कर कक्षाओं को दूसरी जगह शिफ्ट करने पर अब पेंच फंस गया है। क्षेत्रीय अधिकारी उच्च शिक्षा के.रत्नम ने निर्माण अवधि में कक्षा एक से लेकर बारहवीं तक की कक्षाएं साइंस कॉलेज में लगवाने के लिए साइंस कॉलेज की प्रभारी प्राचार्य डॉ.सरिता श्रीवास्तव को पत्र लिखा था। लेकिन साइंस कॉलेज में भी सभी कक्षाओं की क्षमता 3000 छात्रों की है, जबकि यहां 5600 छात्र हैं।
कॉलेज में नई शिक्षा नीति के तहत शुरू किए गए विषयों के लिए भी कक्षाओं की कमी पड़ रही है। इन समस्याओं का हवाला देते हुए प्रभारी प्राचार्य डॉ.श्रीवास्तव ने अब इस उच्च शिक्षा विभाग को पात्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। ऐसे में जब तक उच्च शिक्षा विभाग का आदेश नहीं आ जाता है तब हरिदर्शन स्कूल के रेनोवेशन की प्रकिया रफ्तार नहीं पकड़ पाएगी। क्योंकि निर्माण एजेंसी ने जून-2023 तक रेनोवेशन का काम पूरा कर स्कूल को कहा है।
9.40 करोड़ रुपए में होना है रेनावेशन
हरिदर्शन स्कूल की बिङ्क्षल्डग हैरिटेज है, इसलिए उसके पुराने स्वरूप को बदले बिना रेनोवेशन किया जाएगा। शासन ने नवंबर-2023 में स्कूल के रेनोवेशन के लिए 9 करोड़ 40 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं। इससे 4 मंजिला नया भवन बनाया जाएगा। प्रत्येक मंजिल में 5 कक्षाएं संचालित होगी। दिव्यांगजनों के लिए रैंप बनाने के साथ लिफ्ट भी लगाई जाएगी। भवन के प्रत्येक मंजिल पर बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय होंगे।
बिल्डिंग जर्जर होने से कम हो गए छात्र
100 साल पुराने हरिदर्शन स्कूल में वर्तमान में 800 विद्यार्धी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। लेकिन स्कूल की बिल्डिंग काफी समय से जर्जर हालत में है। जोखिम को देखते हुए स्कूल प्रबंधन ने दूसरी मंजिल को बंद कर दिया है। इमारत खराब होने से छात्रों की संख्या भी कम हुई है। विद्यालय में पहले करीब ढाई हजार छात्र थे, लेकिन दूसरी मंजिल के कक्ष बन्द होने से अब कम छात्रों को ही प्रवेश मिल पाता है।
जो आदेश आएगा उसका पालन करेंगे
क्लास रूम कम हैं। स्कूल प्रबंधन ने 30 कमरों की मांग की है, जबकि हमारी सभी बिल्डिंग में कक्षाएं चल रही हैं। नई बिल्डिंग में भी केवल 10 कमरे हैं, वो भी अभी हमें पीआइयू ने हैंडओवर नहीं की है। इसलिए हमने उच्च शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन मांगा है। वहां से जो आदेश आएगा, हम उसका पालन करेंगे।
डॉ. सरिता श्रीवास्तव, प्रभारी प्राचार्य, साइंस कॉलेज
हमें स्कूल के पास ही जगह चाहिए
हमने छात्रों की सहूलियत और स्कूल से साइंस कॉलेज की नजदीक होने के कारण प्रस्ताव भेजा था, जिससे स्कूल के छात्रों को दूर न जाना पड़े। स्कूल के लिए आसपास ही जगह चाहिए, ताकि स्कूल का सामान शिफ्ट करने में परेशानी न हो। जल्द निर्माण शुरू कराने का प्रयास है।
पीसी गुप्ता, प्राचार्य हरिदर्शन स्कूल