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दिल को छू गया भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के फांसी का दृश्य

हिंदी नाटक ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ का प्रीमियर  

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दिल को छू गया भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के फांसी का दृश्य

दिल को छू गया भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के फांसी का दृश्य

ग्वालियर.

आर्टिस्ट्स कम्बाइन ग्वालियर की ऑनलाइन नाट्य परंपरा के अंतर्गत हिंदी नाटक ‘पगड़ी संभाल जट्टा’ का प्रीमियर रविवार को हुआ। राजेश कुमार द्वारा लिखित नाटक भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के बलिदान पर आधारित है। नाटक के निर्देशक अनुज शर्मा हैं। यह नाटक लहर नाट्य मंच मेरठ का मंचन है। नाटक में लेखक ने भगत सिंह के उन विचारों को जन-जन तक पंहुचाने की कोशिश की है, जो आज की युवा पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी है।

इंस्पेक्टर सांडर्स से लेते हैं बदला
साइमन कमीशन के विरोध से नाटक की शुरुआत होती है, जिसमे लाला लाजपत राय की मौत हो जाती है। उनकी मौत का बदला लेने के लिए भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव इंस्पेक्टर सांडर्स को मारने की योजना बनाते हैं और सांडर्स की हत्या कर फरार हो जाते है। इसके बाद नाटक में असेंबली में बम फेंकने की घटना, लाहौर षडयंत्र केस, क्रांतिकारियों द्वारा जेल में भूख हड़ताल, राजगुरु और भगत सिंह के आपसी वैचारिक टकराव, जेल में भगत सिंह की मां के मिलने का मार्मिक दृश्य और अंत में भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव के फांसी का दृश्य दिखाया है, जिसे देख हर आंख से आसूं थम न सकें।