
High Court
अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने बताया कि शिवपुरी के ग्राम सिरसौद निवासी अमर सिंह लोधी की 2020 में पीड़िता से सगाई हुई थी। दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी बने। तीन साल बाद अमर सिंह ने विवाह से इनकार कर दिया। तब पीड़िता ने 29 मार्च 2023 को खनियाधाना थाने में एफआइआर दर्ज करा दी, जिसे अमर सिंह ने चुनौती दी।
अधिवक्ता भदौरिया ने तर्क दिया कि एफआइआर में कहीं भी जोर जबरदस्ती का उल्लेख नहीं है। शादी का वादा तोड़ना बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता है। दोनों ही बालिग हैं और पीड़िता ने पति मानते हुए तीन साल तक सहमति से संबंध बनाए हैं। अभियोजन ने याचिका का विरोध किया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
कोर्ट ने यह टिप्पणी की
कोर्ट ने कहा कि शादी का गलत आश्वासन देकर शारीरिक संबंध बनाना और उसके बाद शादी का वादा तोड़ देना दोनों में अंतर है। यदि शादी का वादा करके शारीरिक संबंध बनाए और बाद में शादी का वादा तोड़ दिया गया तो उक्त कृत्य बलात्कार नहीं कहा जाएगा। यह सिर्फ कानून के दुरुपयोग के अलावा कुछ नहीं है।
Published on:
08 Oct 2023 12:18 pm
बड़ी खबरें
View Allग्वालियर
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
