11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MPPSC के लिए हाईकोर्ट की ग्वालियर बैंच ने क्यों कही यह बात

ADPO exam में गलत प्रश्न होने का मामला, हाईकोर्ट ने पीएससी से मांगा जवाब, अभ्यर्थी योग्य है या नहीं

2 min read
Google source verification
Patrika

Highcourt said that MPPSC had a long record of making mistakes

ग्वालियर। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सहायक अभियोजन अधिकारी (एडीपीओ) भर्ती परीक्षा में गलत प्रश्न के मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि MPPSC का पुराना रिकॉर्ड गलती का रहा है। प्रश्न पत्र सेट करते वक्त विशेषज्ञ क्या देखते हैं, एक अभ्यर्थी के भविष्य का सवाल है। इसलिए पीएससी बताए कि क्या अभ्यर्थी साक्षात्कार के लिए योग्य था या नहीं। 28 फरवरी को याचिका की फिर सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता ने एडीपीओ की परीक्षा के चार प्रश्नों के गलत होने का दावा किया है।

रूपेश कुमार ने Highcourt Gwalior में याचिका दायर की है। उनके अधिवक्ता योगेश चतुर्वेदी ने बताया कि पीएससी ने ADPO की परीक्षा ली है, उसमें चार प्रश्नों के उत्तर गलत हैं। याचिकाकर्ता अनुसूचित जाति की श्रेणी में आता है, 50 फीसदी विकलांग भी है। उसका आखिरी अवसर है। साक्षात्कार के लिए जो अभ्यर्थी बुलाए गए हैं, उन्हें रोल नंबर के हिसाब से बुलाया गया है। मेरिट के हिसाब से नहीं बुलाया है। पीएससी की ओर से याचिका का विरोध किया गया। विज्ञापन की शर्त के अनुसार याचिकाकर्ता ने कोई आपत्ति नहीं की। पीएससी स्वतंत्र निर्णय लेती है, इसलिए याचिकाकर्ता राहत का हकदार नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पाया कि पीएससी का पिछला रिकॉर्ड गलती करने का रहा है, इसलिए मामले में अपना जवाब पेश करे।

चार प्रश्नों को चुनौती
याचिकाकर्ता को सेट-ए मिला था। उसमें प्रश्न नंबर-5 के उत्तर के जो चार विकल्प दिए थे, उसमें तीन विकल्प सही थे। यदि प्रश्न का उत्तर लगाया जाता तो माइनस मार्किंग हो जाती। सेट ए के 4, 5, 9, 39 प्रश्न को हटा दिया जाता है तो रूपेश साक्षात्कार के लिए पात्र हो जाएगा। उसके 29.86 फीसदी अंक आए हैं। जबकि साक्षात्कार के लिए 30 फीसदी अंक चाहिए।

पूर्व परीक्षा के केस भी

दरअसल पीएससी ने अलग-अलग परीक्षाएं आयोजित की थीं। इन परीक्षाओं के प्रश्नों पत्रों में प्रश्नों के गलत उत्तर दिए जाते है। गलत प्रश्नों के खिलाफ हाईकोर्ट में लगातार याचिकाएं दायर हो रही हैं। एक याचिका में कोर्ट ने पीएससी को लेकर तल्ख टिप्पणी भी की थी। कहा था कि पीएससी पर भरोसा खत्म होता जा रहा है। इसलिए प्रक्रिया में सुधार लाए। गलती को लेकर सुधार नहीं आया है।