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ऊर्जा का भंडार है मानव शरीर

जैन श्वेताम्बर समाज के पर्युषण पर्व का छठवां दिन

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ऊर्जा का भंडार है मानव शरीर

ऊर्जा का भंडार है मानव शरीर

ग्वालियर. श्वेताम्बर जैन मंदिर सराफा बाजार में चल रहे पर्युषण पर्व छठवे दिन जावरा से आए अमित पारख, अभिषेक चंद्रावत एवं सौरभ काठेड़ ने भगवान महावीर का पाठशाला जाना, उनकी युवा अवस्था, केवल ज्ञान की प्राप्ति आदि विषयों पर कल्प सूत्र का वाचन किया। अमित पारख ने कहा कि मानव शरीर ऊर्जा का भण्डार है। इस उर्जा का उपयोग सद्कार्यों में करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। जरूरत सिर्फ उस उर्जा को जगाने तथा उसे सद्कार्यों में लगाने की है। व्यक्ति व्यर्थ के कार्यों में अपना धन और समय व्यर्थ करता रहता है। अभिषेक चंद्रावत ने कहा कि आज हम झुकना ही नहीं चाहते हैं। लोग आज कुछ बड़ों के घुटने छूते है। यह हमारी संस्कृति नहीं है, इससे कुछ हासिल नहीं होता है। वहीं रात्रि को मंदिर में धार्मिक संगीतमय अंताक्षरी प्रतियोगिता में दर्शन टीम जिसमें संगीता पारख, रचना चौरडिय़ा, आशा कोठारी टीम प्रथम स्थान पर रही। द्वितीय स्थान पर ज्ञान टीम रही जिसमें संतोष कोठारी, यश कोठारी, पिंकी बांठिया थी। श्रीसंघ के अध्यक्ष सुनील दफ्तरी, कपूरचंद कोठारी, सुशील श्रीमाल, मनोज पारख, दीपक जैन, राहुल कोठारी एवं संजीव पारख ने बताया कि ने बताया कि पर्व के सातवें दिन 18 सितम्बर को कल्पसूत्र का वाचन सुबह 9 बजे उपाश्रय भवन में किया जाएगा, जिसमें तीर्थंकर भगवान के चरित्र को समझाया जाएगा।

दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व 19 से
दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व 19 से 28 सितंबर तक होंगे। जैन धर्म में दशलक्षण पर्व बड़े ही संयम, त्याग, तप, स्वाध्याय के साथ 10 दिनों तक व्रत और उपवास के साथ मनाया जाता है। पर्युषण पर्व के लिए मंदिरों में साफ-सफाई के साथ रंगाई-पुताई का काम पूरा हो चुका है। दिगंबर जैन समाज का पर्युषण महापर्व भाद्र मास शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि 19 सितंबर से मनाया जाएगा। पर्युषण पर्व में जैन समाज के लोग उपवास रखते हैं। कुछ लोग तो 10 दिन बिना अन्न और जल ग्रहण किए उपवास रखेंगे। शहर में जैन समाज के 85 मंदिर हैं, इनमें से 55 मंदिरों में दिगंबर जैन समाज विधि-विधानपूर्वक पूजन करने के लिए पहुंचेगा। इन मंदिरों को एक माह पहले से ही सजाया और संवारा जा रहा था।