
ग्वालियर हाईकोर्ट में एक रोचक मामला सामने आया है। तलाक के 11 साल बाद पति-पत्नी के दिल फिर से मिल गए। दोनों ने साथ रहने का फैसला लिया, लेकिन तलाक की डिक्री रोड़ा बनी थी। इस डिक्री को निरस्त कराने के लिए हाईकोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट के सामने दोनों ने कहा कि फिर से पति-पत्नी की तरह रहना चाहते हैं, इसलिए उन्हें पति-पत्नी का दर्जा दिया जाए। हाईकोर्ट ने तलाक की डिक्री निरस्त कर दी।
पुलिस आरक्षक देवेंद्र (परिवर्तित नाम) का विवाह जून 2006 में हुआ था। उन्हें एक बेटा भी हुआ। लेकिन 2010 में पति-पत्नी के बीच विवाद होने लगा। पत्नी ने घर छोड़ दिया। आपसी सहमति से दोनों ने 2012 में तलाक ले लिया। तलाक के वक्त पति ने पत्नी को सवा लाख रुपए स्थायी भरण पोषण दिया था। 1500 रुपए प्रति महीना भरण पोषण दिया। बेटा पत्नी के साथ चला गया, दोनों 11 साल से अलग रह रहे थे। अब बेटेे की उम्र 16 साल से अधिक हो गई है। बच्चे के भविष्य को देखते हुए दोनों ने साथ रहने का फैसला लिया। जिन विवादों को चलते दोनों अलग हुए थे, उनको भी भुला दिया। दोनों ने न्यायालय के सामने उपस्थित होकर कहा कि हम साथ रहना चाहते हैं। उन्हें पति-पत्नी घोषित किया जाए।
Published on:
16 Aug 2023 10:38 am
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