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घर में लगी आग, एसी उखाड़कर पति-पत्नी और बेटे ने कूदकर बचाई जान

सुबह 4 बजे लक्ष्मीगंज में हुआ हादसा

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Husband-wife and son saved lives by jumping in home fire

घर में लगी आग, एसी उखाड़कर पति-पत्नी और बेटे ने कूदकर बचाई जान

ग्वालियर। लक्ष्मीगंज में बर्तन कारोबारी के तीन मंजिला घर में सुबह 4 बजे आग लग गई। आग से पहले मकान के अंदर लगे मीटर में धमाका हुआ उसके बाद आग की ऐसी लपटें उठीं। इसलिए शार्ट सर्किट की आशंका है। जिस समय हादसा हुआ तब कारोबारी उनकी पत्नी और बेटा मकान की बीच की मंजिल पर थे। तीनों आग में फंस गए। घर से बाहर निकलने के रास्ते पर बर्तनों का ढेर लगा था। आग वहीं से भडकी थी, इसलिए जान बचाने के लिए कारोबारी ने खिडकी पर लगा एसी खींचा और वहां से छलांग लगाई। इसमें तीनों झुलस गए।

आग का पता चलने पर उनके पडोसी और रिश्तेदार भी आ गए। लोगों ने पहले अपने स्तर पर आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे तो दमकल और पुलिस को बुलाया। आग पर काबू पाने के लिए चार दमकल पानी फायरिंग किया गया। कारोबारी ने 15 लाख से ज्यादा का नुकसान होना बताया है। दीपक बंसल ने दमकल को बताया लक्ष्मीगंज तिराहे पर उनकी बर्तन की दुकान है। इन दिनों कोरोना की वजह से बाजार जल्दी बंद हो रहा है तो बुधवार शाम करीब सात बजे दुकान बंद कर दी। रात 11 बजे तक सब लोग सो गए।

सुबह चार बजे करीब ग्राउंड फलोर पर धमाके की आवाज हुई। उस वक्त वह पत्नी वीणा और बेटा साकेत नींद में ही थे। इसलिए तुरंत नहीं भांप सके कि आग घर में ही लगी है। जब धुंआ भरा तो घटना का आभास हुआ। कुछ पल में लपटें तेज हो गईं। घर से बाहर निकलने का रास्ता भी दुकान से ही है। आग वहीं से उठी थी तो वहां से बाहर नहीं निकल सकते थे। अंदर रहते तो जान खतरे में थी।

एसी उखाडा, टीन पर कूदे बचाई जान
साकेत ने पुलिस को बताया आग बढ़ी तो माता पिता ने शोर मचाया, हल्ला सुनकर उनकी नींद खुल गई। बाहर निकलने का रास्ता आग से घिरा था तो खिडकी पर लगा एसी खींच लिया। उसमें से निकलने लायक रास्ता हो गई। खिडकी के ठीक नीचे पडोसी दुकान की टीन लगी है उस पर माता पिता को उतारा फिर खुद भी कूदे। हालांकि उस समय तक आग की लपटें उपरी मंजिल तक आ गई थी। इसमें तीनों मामूली झुलस गए।


दरवाजे तक ठूंसे बर्तन बन जाते खतरा
बंसल परिवार के बाहर निकलने के बाद आग तीसरी मंजिल तक पहुंच गई। यहां भी बडी गलती बाहर निकलने का रास्ता सामान से भरा होना रहा। मैन रास्ते पर बर्तनों को ठंूस कर रखा गया था। इतनी जगह नहीं थी कि वहां खडे होकर जल्दी शटर खोला जा सके। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अगर खिडकी का एसी नहीं निकलता तो बंसल परिवार की जान खतरे में पड सकती थी। हादसे का पता चलने पर दमकल पहुंच गई। आग काफी तेज भी इसलिए तीन गाड़ी पानी और मंगवाया गया। करीब आधे घंटे की कोशिश के बाद आग पर काबू पाया। ग्राउंड फलोर का रास्ता जले हुए सामान से भर गया था,यहां से दमकलकर्मियों को आग बुझाने के लिए मकान में जाने लायक रास्ता नहीं मिला। नसेनी लगाकर पहली मंजिल की खिडकी से दमकलकर्मियों ने मकान में जाकर आग बुझाई।


गंभीर होता हादसा
पुलिस ने बताया बंसल के घर में एलपीजी के चार सिलेंडर भी रखे थे। उन्हें समय पर निकाल लिया गया इसलिए हादसा गंभीर होने से बच गया। आग से सिलेंडर फट जाते तो आसपास के घर और उनमें रहने वालों की जान भी खतरे में आती। इसके अलावा बंसल के घर के बाजू में बिजली की डीपी भी लगी है उसमें भी आग पकडने का खतरा था। दुकान में भरे कुछ बर्तन और सामान को तो दमकलकर्मियों ने बाहर निकाल लिया।

करीब 15 लाख से ज्यादा नुकसान
फायर ऑफीसर देवेन्द्र जखेनिया ने बताया कारोबारी दीपक बंसल ने आग से करीब 15 लाख से ज्यादा का नुकसान होना बताया है। परिवार के तीनों लोग मामूली झुलस गए थे। उन्हें इलाज के लिए भेजा गया। प्राथमिक उपचार के बाद तीनों घर भेज दिया गया।