
Property Guidelines (Photo Source- freepik)
MP News: पंजीयन विभाग ने वित्त वर्ष 2026-27 की नई गाइडलाइन तैयार करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। विभाग ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी), तहसीलदारों, नगर निगम, जीडीए और हाउसिंग बोर्ड से शहर में हुए नए निर्माणों व रजिस्ट्री पैटर्न का पूरा रिकॉर्ड मांगा है। विभाग उन लोकेशन को चिह्नित कर रहा है, लेकिन रजिस्ट्री उससे ज्यादा दर पर हो रही है। इन स्थानों पर इस बार गाइडलाइन बढ़ना तय माना जा रहा है।
डेटा तैयार करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का भी उपयोग किया जा रहा है। एआइ की मदद से उन क्षेत्रों का विश्लेषण हो रहा है जहां बाजार रेट गाइडलाइन से ज्यादा है और बैंक फाइनेंस के कारण संपत्तियां महंगे दाम में बिकी है। 1 अप्रैल 2026 से नई गाइडलाइन लागू की जानी है। समय सीमा को देखते हुए मुख्यालय ने नवंबर में ही निर्देश जारी कर र दिए दिए थे। इसके बाद उप पंजीयक अपने-अपने क्षेत्र की गाइडलाइन तैयार करने में जुट गए है। जिला मूल्यांकन समिति की बैठक में हर उप पंजीयक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
टीएंडसीपी और तहसीलदारों को पत्र भेज दिया गया है। जैसे ही सभी विभागों से जानकारी मिलेगी, नई गाइडलाइन तैयार कर ली जाएगी।- आरकेएन वर्मा, वरिष्ठ उप पंजीयक एवं गाइडलाइन संयोजक
वर्तमान वित्त वर्ष में 2015 के बाद सबसे बड़ी गाइडलाइन वृद्धि की गई थी, जिसका असर रजिस्ट्री पर पड़ा और दस्तावेजों की संख्या में कमी आई। इसलिए इस बार उन्हीं क्षेत्रों में कम वृद्धि होगी, जहां पहले से दरें अधिक हैं।
-वृत्त-2 में सबसे ज्यादा गाइडलाइन बढ़ी थी क्योंकि यहां कॉलोनियां तेजी से विकसित हुईं।
-सिटी सेंटर, महाराजपुरा और मुरार में भी रेट बढ़ने से दस्तावेजों में गिरावट आई है।
नगर निगम सीमा के बाहर कॉलोनियां तेजी से विकसित हो रही हैं। यहां गाइडलाइन कम होने से बिक्री बढ़ी है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में भी गाइडलाइन वृद्धि की संभावना है। अवैध कॉलोनियों में विक्रय प्रतिबंध के कारण विभाग नई लोकेशन तलाश रहा है, जहां से राजस्व बढ़ाया जा सके।
Published on:
12 Dec 2025 10:41 am
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