
पानी में बढ़ाई चूना व फिटकरी की मात्रा, जानिए क्या होगा फायदा,पानी में बढ़ाई चूना व फिटकरी की मात्रा, जानिए क्या होगा फायदा
ग्वालियर, बारिश आने के बाद शहर में सप्लाई होने वाले पानी में पीएचई विभाग ने एलम (फिटकरी) व सफेदबान लाइन (चूना) की मात्रा को बढ़ा दिया गया है। तााकि शहरवासियों को साफ पानी मिल सके। अमृत योजना के तहत जलालपुर में बनाए गए 160 एमएलडी प्लांट से शहर की 55 टंकियों को भरा जा रहा है। इन टंकियों को भरने से पहले पानी में 10 लाख लीटर पानी में एलम (फिटकरी) 10 लीटर पीपीएम और 6 पीपीएम क्लोरीन डाला जा रहा है, जबकि पहले 6 लीटर फिटकरी व 4 पीपीएम क्लोरीन डाला जाता है। यही हाल तिघरा, मोतीझील के पुराने व नए प्लांट पर भी देखने को मिल रहा है। यहां क्लोरीन व एलम से पानी को साफ किया जा रहा है। बता दें कि मोतीझील के पुराने प्लांट से जहां 14 टंकियों को भरा जा रहा है, वहीं जलालपुर के प्लांट से 55 टंकियों को भर जा रहा है। इसके अलावा तिघरा डैम पर बने प्लांट व मोतीझील के नए प्लांट से बाकी टंकियों को भरा जा रहा है।
कहां कितनी लग रही क्लोरीन
मोतीझील नए व पुराने प्लांट पर 1.5 पीपीएम की क्लोरीन प्रतिघंटा पांच से छह किलो लग रही है। वहीं एलएल 8 पीपीएम की लग रही है। हालांकि यहां पहले चार पीपीएम की लगती थी। यहीं हाल तिघरा पर बने प्लांट पर भी है।
160 एमएलडी जलालपुर पर बने प्लांट पर 10 लाख लीटर पानी में जहां 6 पीपीएम डाली जा रही है। जबकि पहले 4 पीपीएम थी। वहीं 10 लाख लीटर पानी में फिटकारी 10 लीटर डाली जा रही है।जबकि पूर्व में 6 लीटर थी।
इस तरह मिलता है साफ पानी
तिघरा, मोतीझील नए व पुराने व 160 एमएलडी प्लांट पर पहले गंदे पानी में चूना व फिटकारी को डालकर पानी को साफ किया जाता है। उसके बाद उसे चार कैनाल से होते हुए फिल्टर प्लांट में डाला जाता है। वहां से पानी को फिर क्लीयर वाटर प्लांट में पहुंचाया जाता है। उसके बाद फिर प्लांट पर लगे पंप से टंकी भरने का कार्य किया जाता है। उसके बाद टंकी पर लगी लाइन के माध्यम से पानी शहरवासियों को मिलता है।
कहां कितने लगे हैं पंप
तिघरा डैम पर बने प्लांट में जहां दो पंप को चलाया जा रहा है, वहीं मोतीझील के पुराने पर तीन, नए पर दो और 160 एमएलडी प्लांट पर 6 पंपों को चलाया जा रहा है। इसमें दो पंप को 24 घंटे चालू रखा जा रहा है। वहीं अन्य प्लांटों पर भी पंप को 24 घंटे चालू रखा जाता है। 160 एमएलडी प्लांट पर तीन शिफ्टों में 22-22 लोगों का स्टाफ लगाया गया है।
&एलएम व क्लोरीन के माध्यम से पहले गंदे पानी को साफ किया जाता है। उसके बाद प्लांट पर भेजा जाता है। चूंकि बारिश का समय आ गया है, इसलिए एलम व क्लोरीन की संख्या बढ़ा दी गई है।
सतीश चंद्र श्रीवास्तव ,प्रभारी जलालपुर पीएचई नगर निगम
Published on:
08 Aug 2022 06:43 pm
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