
Indian Air Force
ग्वालियर। देश में हर साल 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल वायुसेना अपना 87 वां स्थापना दिवस मनाएगी। 8 अक्टूबर 1932 को वायुसेना की स्थापना की गई थी इसीलिए हर साल 8 अक्टूबर ही वायुसेना दिवस देश में धूमधाम के सााथ मनाया जाता है। इस दिन वायुसेना भव्य परेड और एयर शो आयोजित करती है। देश में आजादी से पहले वायुसेना को रॉयल इंडियन एयर फोर्स कहा जाता था। इसके बाद एक अप्रैल साल 1933 को वायुसेना के पहले दस्ते का गठन हुआ था जिसमें छह आरएफ ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने द्वितीय विश्वयुद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी के बाद इसमें से "रॉयल" शब्द हटाकर सिर्फ "इंडियन एयरफोर्स" कर दिया गया।
सर थॉमस डब्ल्यू एल्महस्र्ट थे एयरफोर्स के पहले चीफ, एयर मार्शल
आपको बता दें कि आजादी से पहले एयरफोर्स पर आर्मी का नियंत्रण होता था। एयरफोर्स को आर्मी से 'आजाद' करने का श्रेय इंडियन एयरफोर्स के पहले कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महस्र्ट को जाता है। आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महस्र्ट को भारतीय वायुसेना का पहला चीफ, एयर मार्शल बनाया गया था। वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर रहे थे।
गीता से लिया है वायुसेना का आदर्श वाक्य
पंडित राधेश्याम शर्मा ने बताया कि भारतीय वायु सेना का आदर्श वाक्य गीता के ग्यारहवें अध्याय से लिया गया है और यह महाभारत के महायुद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र की युद्धभूमि में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का ही एक अंश है। उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- 'नभ: स्पृशं दीप्तम'
ऐसा होता है भारतीय वायु सेना का ध्वज
वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से पृथक, नीले रंग का है जिसके प्रथम एक चौथाई भाग में राष्ट्रिय ध्वज बना हुआ है और मध्य भाग में राष्ट्रिय ध्वज के तीनों रंगों अर्थात केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है। यह ध्वज 1951 में अपनाया गया।
Published on:
08 Oct 2019 04:07 pm
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