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जिला अस्पताल कर्मचारी ही मरीजों को बेच रहे थे 20 हजार में प्लाज्मा, पुलिस ने ग्राहक बनकर दो को दबोचा

locationग्वालियरPublished: Apr 28, 2021 11:30:09 am

Submitted by:

Faiz

रेमडेसिविर इंजेक्शन के बाद मध्य प्रदेश अब प्लाज़्मा की कालाबाजारी शुरु, 2 आरोपी धराए 1 फऱार।

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जिला अस्पताल कर्मचारी ही मरीजों को बेच रहे थे 20 हजार में प्लाज्मा, पुलिस ने ग्राहक बनकर दो को दबोचा

ग्वालियर/ अब तक मध्य प्रदेश में जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के चलते कालाबाजारी के कई मामले आपने पढ़े और सुनें होंगे। लेकिन, अब प्रदेश में प्लाज्मा की कालाबाजारी भी होने लगी है। ताजा मामला सामने आया है ग्वालियर के सबसे बड़े जयारोग्य अस्पताल से, जहां वार्ड बॉय, ICU अटेंडर एक ऑटो चालक एजेंट के साथ मिलकर अस्पताल में रखा दान किया हुआ प्लाज्मा कोविड पेशेंट्स को 20 से 30 हजार रुपये में बेच रहे थे। मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब झांसी रोड थाना प्रभारी मिर्जा आसिफ बेग खुद कोविड पेशेंट के परिजन बनकर एजेंट के पास पहुंचे। दोनों में एक बैग प्लाज्मा की कीमत 20 हजार रुपए में तय भी हो गई। डील सेट होने के बाद जैसे ही आरोपी प्लाज्मा लेकर आया पुलिस ने उसे दबोच लिया।

पूछताछ के आधार पर मामले के अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पकड़े गए तीनों आरोपियों ने जो कबूल किया, वो बेहद चौंकाने वाला था। आरोपियों के मुताबिक, वो अब तक 10 प्लाज्मा पैकेट बेच चुके हैं। प्लाज्मा असली है और उसके साथ जो सर्टिफिकेट मिल रहा है, बस वो फर्जी है। रैकेट के दो सदस्य आरोपियों में वार्ड बॉय और ऑटो चालक को भी पकड़ लिया गया है, जबकि ICU अटेंडर मौके से फरार है। ये प्लाज्मा कोरोना से स्वस्थ होने वाले लोग दान में प्लाज्मा बैंक को दे जाते हैं, ताकि कोरोना के कारण दम तोड़ती ज्यादा से ज्यादा इंसानियत को बचाया जा सके।


ग्राहक बनकर पहुंचे थे TI फिर चौंकाने वाली पुष्टि

SP ग्वालियर अमित सांघी के मुताबिक, काफी दिनों पहले पुलिस को इस संबंध में सूचना मिली हुई थी कि, जयारोग्य में रेमडेसिविर इंजेक्शन और प्लाज्मा की कालाबाजारी की जा रही है। इस पर ASP हितिका वासल को पूरे मामले के खुलासा करने के लिए लगाया गया। इसी बीच ये सूचना भी पुलिस के सामने आ गई कि, इसका एक पूरा रैकेट है, जिसमें जयारोग्य अस्पताल के कुछ कर्मचारी भी मिले हुए हैं। झांसी रोड थाना प्रभारी आसिफ बेग ने गिरोह के सदस्य ऑटो चालक से ग्राहक बनकर संपर्क किया। इस तरह मामले का खुलासा हो सका।

एक कोविड पेशेंट का परिजन बनकर प्राइवेट हॉस्पिटल के लिए प्लाज्मा दिलाने की बात की। एजेंट से बातचीत कर डील तय होने पर उसने डॉक्टर का पर्चा भी मांगा। TI ने एजेंट को डॉक्टर का पर्चा भी भेज दिया। तब एजेंट ने प्लाज्मा देने के लिए मंगलवार को मांडरे की माता के पास बुलाया। TI अपनी हिडन टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि एक व्यक्ति पहले से ही प्लाज्मा लिए उनका इंतजार कर रहा है। पुलिस तत्काल उसके पास पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया। वह भी अस्पता का ही कर्मचारी जेएएच का वार्ड बॉय श्याम गौतम निकला। उसकी निशानदेही पर रैकेट का एजेंट अनिल ऑटो चालक को भी गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, तीसरा आरोपी जेएएच ICU का अटेंजर है, जो रहन के लिये फिलहाल, पुलिस पकड़ से बाहर है।

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