
jiwaji university
ग्वालियर।
जीवाजी यूनिवर्सिटी (जेयू)
में
आयुर्वेदिक कॉलेज बनाने की
प्रोसेस शुरू हो गयी है। चार
ओपीडी की स्थापना के लिए ऑल
इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ
आयुर्वेदिक रिसर्च की टीम ने
कुलपति प्रो.
संगीता
शुक्ला,
रेक्टर
प्रो.
आरजे
राव,
कुलसचिव
डॉ. आनंद
मिश्रा के साथ शनिवार को हेल्थ
डिपार्टमेंट का दौरा किया।
इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर
अभिमन्यु कुमार के अनुसार
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी
वाजपेयी ने आयुर्वेद को आगे
बढ़ाने की कल्पना ग्वालियर
में की थी। मालूम
हो कि पूर्व में जेयू में संसाधन
न होने से आयुर्वेद पर शोध
नहीं हो पाए थे,
पर
वर्तमान में पूर्व प्रधानमंत्री
के इस सपने को साकार किया जा
सकता है।
कुमार की राय थी कि
जेयू में आयुर्वेद के सिर्फ
पीजी कोर्स शुरू किए जाएं,
ताकि
रिसर्च कार्य बेहतर हो सके।
जेयू में पंचकर्म पद्धति से
इलाज जल्द ही शुरू होगा। कॉलेज
के लिए करीब 22
करोड़
का बजट टीम ने तय किया है। इसमें
11 करोड़
इसी माह मिलेगा,
ताकि
ओपीडी शुरू हो सके।
आयुर्वेदिक
रिसर्च करने वाला जेयू प्रथम
विवि
सेंट्रल
काउंसिल ऑफ आयुर्वेदिक रिसर्च
के डायरेक्टर प्रो.
वैभव
दीवान के अनुसार जेयू आयुर्वेद
में रिसर्च करने वाला देश का
पहला संस्थान है। उनके पास
देश के सैकड़ों कॉलेजों से
रिसर्च शुरू करने के लिए आवेदन
आए, लेकिन
यूनिवर्सिटीयों में सबसे
पहला नाम जेयू का जुड़ा है।
इस दौरान आयुर्वेद के संकायध्यक्ष
प्रो.
सीपी
शर्मा,
प्रो.
डीडी
अग्रवाल,
डॉ.
शान्तिदेव
सिसौदिया के साथ अन्य लोग
उपस्थित थे।
'हम
जेयू में आयुर्वेदिक रिसर्च
शुरू करेंगे। इसमें हर्बल और
नैनो मेडिसिन पर विशेष काम
किया जाएगा। सेंट्रल काउंसिल
ऑफ आयुर्वेदिक रिसर्च की टीम
निरीक्षण कर चुकी है,
उन्होंने
जल्द बजट उपलब्ध कराने की बात
कही है।'
-
प्रो.
संगीता
शुक्ला,
कुलपति,जेयू
Published on:
08 Jan 2017 05:06 am
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