26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

9वीं-10वीं के स्टूडेंट ध्यान दें, परीक्षा फार्म भरने में लेट किया तो देने पड़ेंगे 10 हजार

-नामांकन , 15 दिसंबर के बाद भरना होगा विलंब शुल्क-माध्यमिक शिक्षा मंडल ने जारी की प्रवेश नीति

2 min read
Google source verification
cbse-10th-board-exam-timetable.jpg

exam

ग्वालियर। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के स्कूलों में शामिल होने वाले विद्यार्थियों का नवमीं में नामांकन अब 15 जुलाई से 30 सितंबर तक हो सकेंगे। वहीं नवमीं के नामांकन के आधार पर ही विद्यार्थी 10वीं की परीक्षा का फार्म 15 जुलाई से तीस सितंबर तक भर सकेंगे। इसके साथ ही 15 दिसंबर के बाद परीक्षा फार्म भरने पर 10 हजार रुपए विलंब शुल्क लिया जाएगा। वहीं अन्य बोर्ड के छात्रों को ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड करना होंगे। मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल ने अभी हाल ही प्रवेश नीति 2022-23 जारी कर दी है। इसमें बताया गया है कि सभी संस्था प्राचार्य का यह दायित्व होगा कि प्रवेश देते समय ही छात्र के सभी दस्तावेज की जांच पूर्ण रूप से कर लें, इसके उपरांत ही प्रवेश दें। इसके अलावा अन्य बोर्ड से आए छात्रों के दस्तावेजों की जांच समय से कर लें। मंडल द्वारा यदि जांच के दौरान यह पाया जाता है कि प्राचार्य द्वारा ग्राहता संबंधी कार्रवाई नहीं की गई तो संबंधित पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं इस बार विद्यार्थियों का डाटा समग्र आइडी से जोड़ा गया है।

विषय का संशोधन नहीं होगा मान्य

सत्र 2022-23 के लिए परीक्षा फार्म व नामांकन फार्म भरने की अंतिम तिथि के साथ दिवस के बाद प्रत्येक विद्यार्थी का डमी प्रवेश पत्र/नामांकन कार्ड ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा।प्रत्येक संस्था/प्राचार्य डमी प्रवेश पत्र/नामांकन कार्ड अनिवार्य रूप से डाउनलोडकर छात्रों को वितरित करेंगे तथा यह सुनिश्चित करेंगे की यदि कोई त्रुटि है तो उसे नियत अवधि में ऑनलाइन संशोधन कर घोषण पत्र अपलोड करेंगे। जिन संस्थाओं द्वारा ऑनलाइन घोषणा पत्र अपलोड नहीं किया है, ऐसी संस्थाएं प्रवेश पत्र व नामांकन फार्म डाउनलोड नहीं कर सकेंगी। मंडल द्वारा प्रवेश पत्र जारी करने के उपरांत परीक्षा केंद्र पर किसी भी प्रकार का विषय संशोधन मान्य नहीं किया जाएगा।

संस्था के प्राचार्य की होगी जिम्मेदारी

प्रवेश नीति में बताया गया है कि मंडल द्वारा मान्यता/संबद्धता प्राप्त संस्थाओं में नियमित/स्वाध्यायी विद्यार्थियों को प्रवेश परीक्षा के संबंध में पूर्ण उत्तरदायित्व संस्था प्रमुख प्राचार्य का होगा। जबकि बीते वर्षों में यह देखने में आया है कि छात्रों के प्रवेश पत्र जारी होने के उपरांत संस्था प्राचार्य के माध्यम से परीक्षा केंद्र पर छात्र द्वारा विषयों का संशोधन कर परीक्षा में सम्मिलित होते हैं। इससे मंडल व छात्रों को भी असुविधा होती है और ऐसे छात्रों का परीक्षा परिणाम भी निर्धारित समय पर घोषित नहीं हो पाता है।