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ज्ञान के अभाव में जीवन बिना नाव की बिना पतवार जैसा है

मुनिराजों के ऑल लाइन शास्त्र प्रवचन चल रहे है

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ज्ञान के अभाव में जीवन बिना नाव की बिना पतवार जैसा है

ज्ञान के अभाव में जीवन बिना नाव की बिना पतवार जैसा है

ग्वालियर। ज्ञान के अभाव में व्यक्ति का जीवन बिना नाव की पतवार जैसा होता है। उसे नहीं मालूम होता वह जो कर रहा है वह उसे कहा ले जाएगा। यह उचित है अथवा अनुचित है, सत्य है अथवा असत्य है। ऐसी ही अज्ञानता के चलते व्यक्ति खुद को अनेक ऐसे संकटों में फंसा लेता है जिनसे बाहर निकलना किसी वरिष्ठ, अनुभवी, ज्ञानी व्यक्ति की मदद के बिना संभव नही होता। यह बात वात्सल्य सरोवर राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने आज शनिवार को नई सड़क स्थित चंपाबाग जैन धर्मशाला में धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मुनिश्री विजयेश सागर महाराज, मुनिश्री विनिबोध सागर महाराज व ऐलक श्री विनियोग सागर महाराज मौजूद थे।

मुनिश्री ने कहा कि हमारे जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाने वाला ऐसा गुरू जरूर होना चाहिए, जो हमारे अंदर सम्यक दर्शन, ज्ञान, चारित्र की ज्योति जलाकर हम सभी के मोक्ष मार्ग को प्रशस्त करे। मुनिश्री ने कहा कि बिना गुरु के ज्ञान नहीं मिलता। ज्ञान के अभाव में सत्य असत्य तो दूर वस्तु के स्वभाव का पता भी नहीं चलता।

मुनिश्री को जिनवाणी भेंट भेंटकर धर्मसभा का शुभारंभ हुआ

जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्श कलम धर्मसभा का शुभारंभ ब्राह्मचारिणी प्रियंका दीदी ने मंगल चरण कर किया।धर्मसभा से पहले मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज को जिनवाणी ग्रँथ पंकज श्वेता बाकलीवाल ने भेंट किए। मुनिश्री के चरणों में समिति के विनय कासलीवाल, पंकज बाकलीवाल, अनिल जैन, प्रकाशचंद जैन, योगेश बोहरा, आशीष जैन आदि गुरु भक्तों ने श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। मुनिश्री के ऑनलाइन शास्त्र प्रवचन प्रतिदिन 9-00 बजे बजे से होते है।