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Gangrape case of Bcs and UPPSC Student Bhopal : भोपाल पुलिस का ये सच कर देता है मायूस

सरहद के झगड़े में पुलिस उलझी है। मेरा इलाका-तेरा इलाका कर संगीन मामले दर्ज करने से बचते हैं, राजधानी में रेप के ये मामले हैरान करते हैं..

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भोपाल। सरहद के झगड़े में पुलिस उलझी है। मेरा इलाका-तेरा इलाका के चक्कर में तमाम संगीन मामलों को दर्ज करने से थानेदार बचते हैं, लेकिन कमाई का मामला दिखने पर दूसरे के इलाके में जाकर किसी को दबोचने या फिर दूसरे थाना क्षेत्र का मामला अपने थाना में दर्ज करने से कोई भी थानेदार परहेज नहीं करता। आरपीएफ थाने के पास गैंगरेप की शिकार छात्रा के मामले में कमाई नहीं दिखी तो तीन थानों की पुलिस सीमा विवाद में पीडि़त परिवार को उलझाए रखा।

केस-1
अक्टूबर 2017: हबीबगंज पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ महिला स्वास्थ्यकर्ता मीनू पटसारिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच डायरी होशंगाबाद पुलिस भेजी।
केस-2
जुलाई 2016: जबलपुर की मेडिकल छात्रा के साथ हबीबगंज इलाके में दुष्कर्म हुआ। पुलिस ने शिकायत को छिपा लिया। अंत में छात्रा ने जबलपुर में जीरो में मामला दर्ज किया।
केस-3
अप्रैल 2016: कोलार थाने के तत्कालीन थानेदार सुदेश तिवारी ने आठ साल की बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म के आरोपी से कथिततौर पर साठगांठ कर मामला नहीं दर्ज किया। फिर टीटी नगर पुलिस ने मामला दर्ज किया। टीआई तिवाही को थाने से हटाया गया।
केस-4
अगस्त 2016: टीटी नगर पुलिस ने कोलार थाने इलाके में हुई ४६ लाख की धोखाधड़ी को कोलार थाने को बिना बताए जीरो पर कायमी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उसे जेल भेजा। कोलार पुलिस ने आपत्ति जताई।
केस-5
जुलाई 2017 : ऐशबाग पुलिस ने शातिर बदमाश लल्लू रईस पर हमला करने वाले आरोपी से साठगांठ कर रईस के खिलाफ अड़ीबाजी का मामला दर्ज किया। जबकि विवाद अशोका गार्डन में हुआ। अशोका गार्डन पुलिस पहले से आरेपी पर केस दर्ज कर चुकी थी।

तब जल उठा था भोपाल...

पांच साल पहले 28 सितंबर 2012 को इसी इलाके में नाबालिग के अपहरण, दुष्कर्म के बाद हत्या का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया था। तब आक्रोशित लोगों ने प्रदर्शन किया। पुलिस ने मामले में मैकेनिक मुस्तफा को गिरफ्तार किया था। नाबालिग का शव मिलने के बाद तनाव फैल गया था और लोगों ने आरोपी की दुकान को आग के हवाले कर दिया।

प्रदेश में रोज दुष्कर्म और गैंग रेप के मामले

प्रदेश में 2016 में 11 रेप प्रतिदिन, हफ्ते में छह गैंगरेप हो रहे हैं
2015 में प्रतिदिन १२ दुष्कर्म के मामले आए सामने
2014 में 14 दुष्कर्म रोज दर्ज
01 फरवरी 2016 से फरवरी 2017 तक के आंकड़ों के अनुसार दुष्कर्म के ४२७९ मामले सामने आए, इनमें से 2260 नाबालिगों के साथ अपराध के मामले थे, जबकि 284 गैंग रेप दर्ज हुए।

घटना के बारे में बार-बार सवाल नहीं करें, सिर्फ पीडि़ता की सुनें

इस तरह के कृत्य शर्मनाक होते हैं। इस घटना से पीडि़ता को शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक आघात भी पहुंचता है। एेसे मामलों में पीडि़ता को शारीरिक कम बल्कि मानसिक आघात कहीं ज्यादा पहुंचता है। इसलिए जरूरी है कि इन घटनाओं के बाद पीडि़ता को मानसिक रूप से उस घटना से दूर लेजाने की कोशिश की जाए। इस काम में दोस्त और परिवार सबसे ज्यादा अहम होते हैं। एेसी घटना के बाद पीडि़त अत्यधिक तनाव में आ सकते हैं। ऐसे केसेस में पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर होने का खतरा होता है, जिससे पीडि़त को अवसाद, घबराहट, अनिद्रा हो सकती है। जरूरी है कि सरवाइवर से सौहार्द्रपूर्ण बात की जानी चाहिए।

- डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, वरिष्ठ मानसिक रोग विशेषज्ञ