scriptरिवाइज फंड लेकर सरकार को चूना लगाने की तैयारी, फंड खर्च, 8 साल में भी पूरे नहीं हुए काम | money scam in gwalior | Patrika News

रिवाइज फंड लेकर सरकार को चूना लगाने की तैयारी, फंड खर्च, 8 साल में भी पूरे नहीं हुए काम

locationग्वालियरPublished: May 12, 2018 09:39:12 am

Submitted by:

Gaurav Sen

रिवाइज फंड लेकर सरकार को चूना लगाने की तैयारी, फंड खर्च, ८ साल में भी पूरे नहीं हुए काम

ग्वालियर। उद्योग, रोजगार , आवास व पढ़ाई की बेहतर सुविधाएं देने ८ साल पहले शुरू किए गए करोड़ों के काम अब तक पूरे नहीं हो पाए हैं। इसके अलावा जिले की प्रधानमंत्री ग्राम सड़कें, भवन, स्कूल सहित ३६ अन्य विकास के कामों में करोड़ों रुपए खर्च कर दिए, लेकिन काम भी पूरे नहीं हुए।
अब रिवाइज फंड लेकर फिर से खजाने को चूना लगाया जा रहा है। सिटी सेंटर में ८ साल पहले मल्टीपरपज के काम पर ठेकेदार के जरिए ३ करोड़ से अधिक राशि खर्च कर दी गई, अब फिर से ४ करोड़ ८० लाख रुपए की मांग सरकार से की जा रही है। आमजन ने कहा, कि अंचल के विकास के लिए सीएम शिवराज सिंह द्वारा हाल ही में १४३३ करोड़ के शिलान्यास व भूमिपूजन किए गए, लेकिन पूर्व में शुरू किए गए काम अभी तक पूरे नहीं हुए हैं। अगर हाल ही में हुए शिलान्यास के कामों का भी यही हश्र हुआ तो विकास कैसे होगा।
breaking : प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने सिंधिया पर साधा निशाना,कमलनाथ को लेकर भी दिया बड़ा बयान

बहुउद्देशीय सांस्कृतिक परिसर

२००९ में निर्माण की शुरुआत

३५७ लाख रुपए की लागत से बनने वाले परिसर के निर्माण पर ३२५ लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।
सिटी सेंटर में बन रहे इस कॉम्प्लेक्स का काम अटका है। अब शासन से ४८० लाख रुपए का अतिरिक्त फंड मांगा जा रहा है।
साडा के माध्यम से बन रहे परिसर के निर्माण पर पूर्व में तय लागत का ९५ प्रतिशत खर्च कर निर्माण किया जा चुका था। ८ साल बाद फिर से फंड की मांग की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि काम में देरी की वजह ठेकेदार को फायदा पहुंचाना रहा है।
ये काम नहीं हुए


18 अगस्त २०१६ को शुरुआत
५०३ लाख रुपए से बनने वाले पार्क पर ४४८.१९ लाख रु. खर्च हो चुके हैं, अब काम अटका है। पीआइयू ने हथकरघा विभाग से फंड न मिलने को देरी की वजह बताया है।पार्क २२ अक्टूबर २०१७ तक पूरा होना था

गल्र्स हॉस्टल: २९ दिसंबर २००८ को शुरुआत
हॉस्टल निर्माण पर 57 में से १६ लाख खर्च हो चुके हैं। ९ साल में भी अजा वर्ग की छात्राओं का हॉस्टल नहीं बन पाया। पीडब्ल्यूडी-१ अजा विभाग से १७८.३६ लाख मांगे हैं।
यह योजना २ सितंबर २००९ तक पूरा होना था

साडा आवास: २५ सितंबर २०१३ शुरुआत

१३८४ लाख रुपए की बरा अवासीय योजना में ४१३ लाख रुपए, ४५१७ लाख रुपए के सौजना हाउसिंग प्रोजेक्ट में ३४५७ लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।
१०१६ लाख रुपए की नीलकमल आवासीय योजना में ८१५ लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।
साडा प्रबंधन इस क्षेत्र में रहने के लिए लोगों को आकर्षित नहीं कर सका है।
२४ मार्च २०१६ तक: आवासीय परियोजनाओं का काम पूरा होना था
ट्रांसपोर्ट नगर की सड़क : (२३ सितंबर २०१३ शुरू)

१३५७.२७ लाख की लागत से बनने वाली सड़क पर ५२७ लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। फंड न होने के बहाने पर ३० जून तक का समय और दिया।
सड़क बनाने में डामर की जगह काले तेल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो भारी वाहनों का वजन नहीं झेल सकता है।
२० जून २०१४ तक पूरा होना था काम
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो