
नितिन त्रिपाठी. कांग्रेस की सरकार गिराकर भाजपा को सत्ता लौटाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया विधानसभा चुनाव में मोर्चा संभाले हुए हैं। भाजपा के स्टार प्रचारक के तौर पर जनसभाओं में कांग्रेस पर वे जितने हमलावर हैं, उतना कोई दूसरा नहीं। कमलनाथ व दिग्विजय सिंह उनके निशाने पर रहते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें गुजरात का दामाद बताकर बहस छेड़ दी कि अब हाईकमान प्रदेश का नेतृत्व उन्हें सौंप सकता है। ऐसी बातों पर 'पत्रिका' ने उनसे चर्चा की। चुनाव प्रचार के दौरान उनकी कार में यह चर्चा हुई। मुख्यमंत्री की दौड़ में न होने की बात कहने वाले सिंधिया से जब पूछा- किंग या किंगमेकर तो वे बोले- 'मैं कुर्सी की दौड़ में नहीं हूं। न किंग बनना चाहता, न किंग मेकर हूं। सिर्फ भाजपा का कार्यकर्ता हूं।'
1. सिंधिया नहीं तो चेहरा कौन?
देखो, मैं अपने बारे में कह सकता हूं। मैं दौड़ में नहीं हूं। किसी और का कैसे बता सकता हूं। पार्टी तय करेगी। भाजपा नीति पर चलने वाली पार्टी है। उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री के रूप में प्रदेश को आगे बढ़ाया है।
2. इस बार कोई चेहरा तय क्यों नहीं?
- मैंने कहा पार्टी में नेतृत्व तय करता है। इसमें कार्यकर्ताओं की भूमिका होती है। मैं तो मंच से शिवराज जी का नाम लेता हूं। सराहना करता हूं।
3. कितनी सीट जीतने की उम्मीद है?
- ज्योतिष नहीं हूं। कैसे बता सकता हूं। भाजपा का विकास जनता ने देखा है। कांग्रेस का कार्यकाल भी देखा।
4. सिंधिया कुर्मी हैं, ओबीसी फैक्टर है?
मैंने कभी नहीं कहा। यह कौन कहता है, ऐसी बातें कभी नहीं करता। मैं सबको साथ लेकर चलता हूं।
5. आप मोदी के पसंदीदा हैं?
मैं सौभाग्य मानता हूं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम करने का मौका मिल रहा। वो मेरे लिए अति भावनात्मक क्षण था, जब मेरे निजी कार्यक्रम में प्रधानमंत्रीने मेरे परिवार के लिए बोला। हम षड्यंत्र या कूटनीति नहीं करते, जहां जुड़ जाते हैं, जान देने को तैयार हो जाते हैं।
Updated on:
05 Nov 2023 08:55 am
Published on:
05 Nov 2023 08:32 am
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