
Neither the syllabus came nor books are available in the market, 40 thousand students are worried about the third year graduation exam.
बीएससी तृतीय वर्ष के छात्र शिवम अपनी बीएससी तृतीय वर्ष की परीक्षा को लेकर चिंतित है, क्योंकि उन्हें न कॉलेज से सिलेबस मिल रहा है और न मार्केट में किताबें। 30 मार्च से परीक्षा देनी है। लगातार एसएलपी कॉलेज के चक्कर काट रहे हैं। शिक्षकों से भी कोई संतोषजनक जवाब मिल रहा है। शिवम बीएससी के अकेले ऐसे छात्र नहीं है, शहर सहित अंचल के बीए, बीएससी, बीकॉम के 40 हजार विद्यार्थियों के सामने यह संकट है। अंग्रेजी मीडियम के विद्यार्थियों को सबसे ज्यादा समस्या हो रही हैं। इनको किताब नहीं मिल रही हैं। विद्यार्थ पेपर बिगड़ की चिंता में है।
दरअसल प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू हो चुकी है। तृतीय वर्ष की परीक्षा भी नई शिक्षा नीति के तहत हो रही है। नई शिक्षा नीति के तहत तृतीय वर्ष की पहली परीक्षा है। इस कारण मार्केट में किताबें नहीं है। कॉलेजों में भी कोर्स नहीं हुआ था। नई शिक्षा नीति की किताबें भी मार्केट में नहीं आ सकी है। लोकसभा चुनाव के चलते परीक्षा भी जल्द कराी जा रही है। वैसे यह अप्रैल में शुरू होती थी। विद्यार्थियों ेक पास न किताबें हैं और न सिलेबस। इन दोनों ही कारणों से विद्यार्थी पढ़ नहीं सके हैं। पत्रिका ने भी मार्केट में अंग्रेजी माध्यम की किताबें तलाशी तो वह नहीं मिल सकीं।
कॉलेज के शिक्षक भी मदद नहीं कर रहे
Published on:
21 Mar 2024 11:27 am
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