19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मूंग की नई किस्म विकसित, 60 दिन में पकेगी, उत्पादन होगा जबरदस्त

MP News: प्रदेश में बड़े हिस्से में मूंग की खेती होने लगी है। यह गर्मी के मौसम में अधिक की जाती है क्योंकि कम पानी कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है।

2 min read
Google source verification
moong

moong

MP News: राजमाता कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक ने मूंग की नई किस्म विकसित की है। मूंग की फसल में न मरुका कीट लगेगा और न फफूंद। किसान इस मूंग की फसल को गर्मी व खरीफ दोनों ही सीजन में उगा सकते है। प्रति हेक्टेयर 9 से 10 क्विंटल मूंग निकलेगी। किसानों मूंग का नया बीज 2026 में मिल सकता है। मध्य प्रदेश की जलवायु के हिसाब से बीज काफी अच्छा है। साथ ही राजस्थान में भी इसे गर्मी व खरीफ में उगाया जा सकता है।

प्रदेश में बड़े हिस्से में मूंग की खेती होने लगी है। यह गर्मी के मौसम में अधिक की जाती है क्योंकि कम पानी कम समय में अधिक मुनाफा देने वाली फसल है। किसानों को अच्छा बीज मिल सके, उसके लिए राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह ने मूंग की नई वैरायटी आरवीएस-181 तैयार की है।

खास है मूंग की यह किस्म

इस वैरायटी में मारुका विट्राटा कीट और फ्यूजेरियम विल्ट रोग प्रतिरोधी है। मारुका कीट फलियां खा जाती है, जबकि फ्यूजेरियम विल्ट रोग के कारण पौधे में फंगस लग जाता है, जिसके कारण पत्तियों पर काले धब्बे पड़ जाते हैं। इनके अलावा पीला मोजेक रोग भी कम असर करेगा।

आरवीएस-181 की उत्पादन क्षमता प्रति हेक्टेयर औसत 9 से 10 क्विंटल है। इसके दानों का रंग हरे रंग का है। चमक अधिक है। यह किस्म खरीफ के साथ-साथ गर्मी के सीजन के लिए उपयुक्त है। वैरायटी को राज्य बीज उप समिति ने पास कर दिया है। इससे केंद्र शासन के पास भेजा जा रहा है। नोटिफिकेशन जारी होने के बाद किसानों को बीज मिल सके।

ये भी पढ़ें:एमपी में 4 हजार शिक्षकों का नहीं हुआ 'पुलिस वेरिफिकेशन', अब अचानक होगी चेकिंग !

पहले न्यूक्लियर शीड तैयार होगा

कृषि वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह कहना है कि आरवीएस-181 के बीज किसानों को वर्ष 2026 तक मिल पाएंगे। पहले न्यूक्लियर शीड तैयार किए जाएंगे। इसके बाद बीडर शीड से प्रोडक्शन शीड तैयार होंगे। प्रोडक्शन शीड किसान उपयोग कर सकेंगे। इस मूंग की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी है। इस मध्य भारत में उगाया जाएगा। राजस्थान के पानी उपलब्ध वाले क्षेत्र में भी उगा सकते हैं।

ये भी जानिए

  • 60 से 65 दिन में तैयार होगी।
  • प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादन 10 क्विंटल आया है। कहीं-कहीं 15 क्विंटल तक पहुंचा है।
  • मध्य भारत की जलवायु के लिए उपयुक्त वैरायटी है।
  • मूंग का दाना मीडियम है और चमक अधिक है।
  • मध्य प्रदेश की चारों दिशाओं में खेती करके देखी गई।
  • किसान के पास पानी की उपलब्धता है तो मूंग कर सकता है।

बड़ी खबरें

View All

ग्वालियर

मध्य प्रदेश न्यूज़

ट्रेंडिंग