
म्यूजिकल नाइट में गुनगुनाए पुराने गीत
ग्वालियर. एमिटी यूनिवर्सिटी में फिल्म फेस्टिवल का आयोजन गुरुवार को किया गया। शाम तक चले इस फेस्टिवल में एक के बाद एक कई शॉर्ट फिल्में दिखाई गईं। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बॉलीवुड स्टार यशपाल शर्मा मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ यूनिवर्सिटी के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल वीके शर्मा एवीएसएम एवं उप कुलपति प्रो. डॉ. एमपी कौशिक ने किया। स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए यशपाल शर्मा ने कहा कि सफ लता के लिए अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य पर ध्यान दें। क्योंकि इसका कोई शॉर्ट कट नहीं होता। उन्होने कहा कि गरीबी को रोड़ा मानने वाले लोग गलत मानते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर लोग बेहतर काम करते हैं। उन्होंने राजकुमार हिरनी के साथ नागपुर में हुए फि ल्म फेस्टिवल की बात साझा की और कहा कि आज मीनिंगफु ल सिनेमा कि जरूरत है। सिनेमा का मतलब सिर्फ नग्नता परोसना नहीं, मनोरंजन और जागरूकता फैलाना भी है।
निगेटिव रोल चैलेंजिंग, इसलिए करने में आता है मजा
फिल्म गंगाजल, अर्जुन पंडित, लगान, शूल आदि फिल्मों में अभिनय कर चुके यशपाल शर्मा ने पत्रिका से खास चर्चा में कहा कि मेरा कभी ग्वालियर आना नहीं हुआ, लेकिन मैंने तानसेन की नगरी के बारे में सुना जरूर है। अगस्त में रिलीज होने वाली फिल्म दादा लखमी में मैंने तानसेन के ऊपर ही एक डायलॉग लिया है। इसके साथ ही इस वर्ष मेरी 'बंटी और बबली-2, मिस्टर पान वाला, अब तक छप्पन रिलीज होने जा रही है। इसके साथ ही एक वेब सिरीज भी आ रही है।
फिल्मों का अभिनय ज्यादा पसंद
कई सीरियल में अभिनय कर चुके यशपाल का कहना है कि जो मजा फिल्मों में है, वे सीरियल में नहीं। यही कारण रहा कि मैं सीरियल के बाद फिल्म की ओर बढ़ा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैंने फिल्मों में पॉजिटिव और निगेटिव रोल दोनों किए हैं। लेकिन मुझे निगेटिव रोल अधिक पसंद हैं, क्योंकि वे अधिक चैलेंजिंग होते हैं। उन्होंने लगान फिल्म के बारे में बताया कि वहां मुझे बड़ी फिल्म करने की पहली अपॉर्च्युनिटी मिली और पेमेंट भी उम्मीद से अधिक मिला, जो आज भी याद आता है।
Published on:
06 Mar 2020 12:08 am
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