
50 हजार वर्गफुट से ज्यादा क्षेत्रफल वाली शहर में 150 सम्पत्तियों के मालिकों ने एक बार ही जमा किया सम्पत्तिकर
धर्मेन्द्र त्रिवेदी
ग्वालियर। शहर में 50 हजार वर्गफुट से ज्याादा क्षेत्रफल वाली 150 संपत्तियोंं के स्वामी और प्रमुखों ने नगर निगम का 234 करोड़ रुपए संपत्तिकर जमा नहीं किया है। इनमें केन्द्र और राज्य सरकार के 30 से अधिक सरकारी कार्यालय भी शामिल हैं। नगर निगम ने अब इस लिस्ट का एक बार फिर से रिव्यू करके बकायादारों को नोटिस देकर चेताने का निर्णय लिया है। निगमायुक्त का कहना है कि बड़ी संपत्तियोंं के स्वामी एक बार संपत्तिकर देने के बाद कर जमा करना भूल ही गए हैं। अब पहले सभी को याद दिलाया जाएगा। इसके बाद नियमानुसार कुर्की की कार्रवाई भी अमल में लाई जा सकती है।
यह है लक्ष्य
-नगर निगम को 150 संपत्तियों से 234 करोड़ रुपए संपत्तिकर की वसूली करनी है।
-गारबेज शुल्क की वसूली 30 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष लिया जाना है।
यह आई राशि
-अभी तक 32 करोड़ रुपए संपत्तिकर वसूला जा सका है।
-गारबेज शुल्क के 6.50 करोड़ रुपए वसूली हो सकी है।
-वर्षों से 100 करोड़ रुपए की वसूली बकाया है।
ये कैंपस जिनसे राशि होना है वसूल
-रेलवे, जेएएच, जीवाजी विश्वविद्यालय, बीएसएनएल, रक्षा विभाग सहित करीब 30 अन्य विभागों सहित शहर की 150 बड़ी संपत्तियों पर लगातार बकाया चला रहा है।
-कोविड लॉकडाउन के बाद इन विभागों से वसूली के लिए दो बार ऑनलाइन बैठक भी बुलाई गई थी। इसके बाद एक बार सभी को पत्र भेजकर बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया गया था, लेकिन अधिकतर विभागों के अधिकारी बैठक में शामिल होने नहीं आए।
वर्सन
-बड़े कैंपस चिन्हित किए गए हैं, इनमें केन्द्र और राज्य सरकार के विभागों की संपत्ति भी शामिल है। इन सभी से संपत्तिकर और गारबेज शुल्क वसूला जाना है। हमने यह लिस्ट अभी फायनल की है। अब सभी को नोटिस भेजकर राशि जमा करने के लिए कहा जाएगा। इसके बाद भी कर जमा नहीं किया तो फिर वैधानिक प्रक्रिया अपनाते हुए कुर्की की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
किशोर कान्याल,आयुक्त-नगर निगम
Published on:
12 Nov 2022 01:32 am
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