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65 लाख स्कूली बच्चों के लिए बड़ा अपडेट, अब अलग तरीके से होगी सबकी पहचान

One Nation One Student ID Card: यह आईडी आधार नंबर की तरह कार्य होगी। इसमें विद्यार्थियों की पढ़ाई का पूरा रिकॉर्ड होगा.....

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One Nation One Student ID Card

One Nation One Student ID Card:मध्यप्रदेश के हर स्टूडेंट की अब एक अलग पहचान मिलेगी। इस आईडी में विद्यार्थी का पूरा रिकॉर्ड होगा। कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को एक यूनिक नंबर देने के लिए प्रदेश में काम शुरू हो गया है। जिला शिक्षा अधिकारी अजय कटियार सहित सभी जिले के शिक्षा अधिकारी को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है। प्रदेश में 94 हजार स्कूल है, इसमें कक्षा पहली से लेकर 12वीं तक 1 करोड़ 39 बच्चे दर्ज हैं।

इनमें से करीब 65 लाख विद्यार्थी कक्षा नौवीं से बारहवीं में दर्ज है। जबकि ग्वालियर जिले के तीन हजार स्कूल के दो लाख विद्यार्थी शामिल किए गए हैं। भारत सरकार की योजना के तहत देशभर में इस पर काम चल रहा है। इसे ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक एकाउंट रजिस्ट्री (अपर) कहा जा रहा है।

यह आईडी आधार नंबर की तरह कार्य होगी। इसमें विद्यार्थियों की पढ़ाई का पूरा रिकॉर्ड होगा। इसे डिजिटल वर्जन में जमा किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत इसकी पहल हुई है। वननेशन, वन स्टूडेंट के रूप में भी देखा जा सकता है। लोक शिक्षण संचालनालय ने इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारियों को नोडल बनाया है।

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सभी विद्यार्थी का रखा जाएगा रिकॉर्ड

कक्षा नौवीं से लेकर 12वीं तक किसी विद्यार्थी ने किन स्कूलों में पढ़ाई की, कितने नंबर आए, उपलब्धियां क्या रहीं, रिपोर्ट कार्ड सहित पूरी डिटेल इसमें होगी। इन सभी आंकड़ों तक डिजीलॉकर के जरिए सरलता से पहुंचा जा सकेगा, इस पर कवायद शुरू हो चुकी है।

उच्च शिक्षा के बाद अब प्राइमरी की तैयारी

प्राइमरी से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों का भी डाटा तैयार हो रहा है। राज्य शिक्षा केंद्र इस पर काम भी कर रहा है। यहां भी हर बच्चे को अलग-अलग नंबर देने पर काम हो रहा है। इससे पहले उच्च शिक्षा में डिजीलॉकर की सुविधा स्टूडेंट को मिल चुकी है। शिक्षा विभाग के अफसरों ने बताया कि इस पर काम चल रहा है और शासन से निर्देशों के तहत ऑनलाइन डाटा जुटाया जा रहा है।