जेएएच अस्पताल के बंदी वार्ड से सागर निवासी मोहन पुत्र कल्लू ३८ फरार हो गया। मोहन को सागर पुलिस ने दुष्कर्म केस में पकड़ा था। उसे कुछ दिन भोपाल फिर ग्वालियर जेल भेजा गया था। मोहन को तपेदिक की बीमारी थी। जेल में खून की उल्टियां होने पर चिकित्सकों ने उसे जेएएच में शिफ्ट कराया था। उसकी निगरानी के लिए रात दो बजे से जेलकर्मी पंकज अग्रवाल की डयूटी थी। जेल अधिकारियों का कहना है कि प्रहरी पंकज डयूटी पर तो आया लेकिन चौकन्ना नहीं रहा। अस्पताल में आकर कुछ देर बंदी के पलंग के पास बैठा फिर सो गया। उसकी लापरवाही का बंदी मोहन ने फायदा उठाया। उसने हथकड़ी सरकाई और भाग गया।
झपकी टूटी, बंदी पलंग से गायब
प्रहरी पंकज अग्रवाल को बंदी मोहन के फरार होने का पता चला सुबह करीब ५:१५ बजे चला। मोहन जिस हथकड़ी से बंधा था उसका सिरा तो पलंग से बंधा था जबकि दूसरा खुला पड़ा था। बंदी को गायब देखकर पंकज ने पहले अपने स्तर पर उसकी तलाश में दौड़ भाग की। जब मोहन का पता नहीं चला तो जेल अधिकरियों को बताया। बंदी मोहन की तलाश में बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन सहित तमाम जगहों को तलाशा। कंपू पुलिस को भी उसके फरार होने की सूचना दी।
ढाई महीने पहले इसी तर्ज पर भागा
जेल अधिकारियों ने बताया मोहन की मां, पत्नी और बच्चे भी शनिवार को अस्पताल में थे। उन्हें भी पता नहीं चला मोहन कब भाग गया। बंदी मोहन इससे पहले 2९ दिसंबर को भी अस्पताल के बंदी वार्ड से फरार हुआ था। तब भी उसकी पत्नी, बच्चे अस्पताल में थे।