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ग्वालियर

प्रधानमंत्री आवास के नाम पर रिश्वत लेते रोजगार सहायक कैमरे में कैद,यह थी पूरी प्लानिंग

प्रधानमंत्री आवास के नाम पर रिश्वत लेते रोजगार सहायक कैमरे में कैद,यह थी पूरी प्लानिंग

ग्वालियरJun 24, 2018 / 02:39 pm

monu sahu

rojgar assistant caught

प्रधानमंत्री आवास के नाम पर रिश्वत लेता रोजगार सहायक कैमरे में कैद

ग्वालियर। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री आवास में लोगों को गृह प्रवेश कराया जा रहा है,वहीं दूसरी ओर शिवपुरी में यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है। शनिवार की शाम को नरवर जनपद की ग्राम पंचायत राजपुर चितारी का रोजगार सहायक हामिद खान,प्रधानमंत्री आवास के नाम पर ग्रामीणों से रिश्वत लेते कैमरे में कैद हो गया। इतना ही नहीं वायरल हुए वीडियो में ग्रामीण भी यह आरोप लगा रहे हैं कि हमसे 15 से 35 हजार रुपए तक की मांग की जा रही है। जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि हम वीडियो देखकर पहले उसकी पुष्टि करेंगे,फिर दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रोजगार सहायक हामिद खान का रिश्वत लेते हुए जो वीडियो वायरल हुआ है,उसमें एक व्यक्ति हामिद को पांच-पांच सौ के नोट देते हुए यह कह रहा है कि 10 हजार यह हो गए। जिसे रोजगार सहायक स्वीकार भी कर रहा है कि हां, दस हजार हो गए। इतना ही नहीं वहां बैठी एक अन्य ग्रामीण महिला यह कह रही है कि पांच हजार में मान लो,हमसे तो पांच की कही थी। यानि उस वीडियो में नि:शुल्क मिलने वाले प्रधानमंत्री आवास का खुलेआम सौदा हो रहा है।
इसी के साथ अगले वीडियो में ग्रामीण रोजगार सहायक के घर के बाहर खड़े हुए नजर आ रहे हैं। इनमें महेश शर्मा, राधेलाल, सालिगराम, कल्याण, बलराम, मुकेश सिंह, नाथूराम, बाबूलाल, प्रीतम केवट, पूरन सिंह, यह बता रहे हैं कि किससे कितने रुपए उक्त रोजगार सहायक ने लिए। इतना ही नहीं उसमें दो हितग्राही तो यहां तक कह रहे हैं कि जब हमारी किश्त की राशि आई तो उक्त रोजगार सहायक ने बैंक में हमसे जोर-जबर्दस्ती करके पैसे छीन लिए।
एक ग्रामीण ने तो यह भी बताया कि रोजगार सहायक के दस्तावेजों पर उसका छोटा भाई बीएसएनएल के टॉवर पर नौकरी कर रहा है। ज्ञात रहे कि ग्रामीण क्षेत्रमें आवास के लिए 1 लाख 20 हजार रुपए की राशि दी जा रही है। अब यदि उसमें से 35 हजार रुपए ही रिश्वत के देने पड़ेंगे तो फिर हितग्राही 85 हजार रुपए में अपना मकान कैसे बना पाएगा..?।
अभी मैने वीडियो देखा नहीं है,आप मुझे वो वीडियो उपलब्ध करा दें।जो कुछ वीडियो में दिखेगा,हम उसकी जांच करवाएंगे और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ एफआईआर तक की कार्रवाई की जाएगी।
राजेश जैन, सीईओ जिला पंचायत शिवपुरी

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