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सेंड स्टोन टाइल्स को विदेशों में मिलेगी पहचान, 500 करोड़ का होता है एक्सपोर्ट

ग्वालियर के एक्सपोर्ट हब के रूप में चयन से बढ़ जाएगा निर्यात

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Sand stone tiles

ग्वालियर। अब हमारे यहां की सेंड स्टोन टाइल्स को विदेशों में नई पहचान मिलेगी। प्रदेश सरकार ने एक्सपोर्ट हब के रूप में 3 शहरों में से ग्वालियर, देवास और सीहोर का चयन किया। ग्वालियर की सेंड स्टोन टाइल्स को एक्सपोर्ट के रूप में चुना गया है। पहले से सेंड स्टोन टाइल्स का निर्यात होता आ रहा है लेकिन एक्सपोर्ट हब में शामिल करने से इसके निर्यात में बढ़ोतरी आएगी।

एक्शन प्लान किया गया है तैयार

एमपीआइडीसी भोपाल और डीजीएफटी ने एक्सपोर्ट हब के लिए डिस्ट्रिक्ट एक्सपोर्ट एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके अंतर्गत डिस्ट्रिक्ट एज एक्सपोर्ट हब की स्थापना की जाएगी। जो इकाइयों को उत्पाद निर्यात के लिए प्रोत्साहित करेगा और उसमें मदद भी करेगी। इसमें उत्पाद की मार्केटिंग, ब्रांडिंग, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली एग्जीबिशन में उत्पाद के प्रदर्शन और ऑनलाइन मार्केटिंग के साथ निर्यात को बढ़ावा दिया जाना शामिल रहेगा। जिला उद्योग एवं व्यापार केंद्र के प्रभारी जीएम राजेंद्र सिंह ने बताया कि एक्सपोर्ट हब में एक जिला एक उत्पाद को निर्यात के लिए बढ़ावा देना है। प्रदेश के तीन शहरों में से ग्वालियर का भी इसके लिए चयन किया गया है। इसके लिए एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है।

साल भर में 500 करोड़ का सेंड स्टोन होता है एक्सपोर्ट

स्टोन पार्क इंडस्ट्रीयल ऐसोसिएशन पुरानी छावनी के अध्यक्ष सत्यप्रकाश शुक्ला ने बताया कि पुरानी छावनी, बानमोर और स्टोन पार्क से हर साल करीब 500 करोड़ के एक हजार सेंड स्टोन दूसरे देशों में निर्यात किया जाता है। इसमें सेंड स्टोन टाइल्स, कवल्स, पेवल्स, लेंटर्स शामिल हैं। एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए एक ट्रेन अलग से कांडला और मुंगड़ा गुजरात तक चलाई जानी चाहिए। इसक जरिए कंटेनर भेजे जा सकेंगे। अभी आइसीडी मालनपुर से एक ट्रेन मुंबई तक कंटेनर लेकर जाती है।