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RTO में नौकरी के लिए सात साल पहले दिया झूठा शपथ पत्र, फंसेगा सौरभ का परिवार

Saurabh Sharma Case: सौरभ की मां का झूठा शपथ पत्र…दो बेटों की नौकरी को लेकर शपथ पत्र में कही थी ये बात...जांच में हुआ बड़ा खुलासा

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saurabh sharma Case

Saurabh Sharma Case: आरटीओ के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के साथ अब उसकी मां उमा शर्मा भी कानूनी शिकंजे में आ सकती हैं। दरअसल, सौरभ की अनुकंपा नौकरी के लिए सात पहले मां ने शपथ पत्र दिया था, उसमें दो बेटों का जिक्र करते हुए किसी के पास सरकारी नौकरी नहीं होने का हवाला दिया था।

पचास रुपए के स्टांप पर 12 जुलाई 2016 के इस शपथ पत्र में लिखा कि वह 47 विनय नगर सेक्टर दो में रहती हैं। पति डाॅ. आरके शर्मा पुत्र भगवान सिंह शर्मा डीआरपी लाइन में मेडिकल अफसर थे। 20 नवंबर 2015 को डयूटी के दौरान उनका निधन हो गया। उनके दो बेटे सचिन और सौरभ हैं। बडा बेटा सचिन शर्मा पत्नी व बच्चों के साथ पांच साल से रायपुर (छत्तीसगढ़) में रहता है। वहीं नौकरी करता है लेकिन सचिन शासकीय नौकर नहीं है। पति डा. राकेश शर्मा शासकीय सेवक थे।

परिवार का कोई भी सदस्य शासकीय नौकरी या निगम मंडल परिषद आयोग आदि में नियमित नौकरी पर पदस्थ नहीं है। सचिन रायपुर में रहता है इसलिए उनकी देखभाल करने में असमर्थ है। छोटे बेटे सौरभ शर्मा के साथ ग्वालियर में रहती हैं। सौरभ ही उनकी दवा, खुराक का इंतजाम करता है। इसलिए दिवंगत पति राकेश शर्मा के स्थान पर छोटे बेटे सौरभ को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।


भाई की सरकारी नौकरी से नियुक्ति पर उठे थे सवाल


मेंडोरा (भोपाल़) के जंगल में चेतन सिंह गौर की कार से 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए मिलने के बाद आरटीओ के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा की काली कमाई का खुलासा हुआ था। उसके बाद ही सौरभ की आरटीओ में नौकरी को लेकर भी सवाल उठे थे। खुलासा हुआ था सौरभ का बडा सचिन शर्मा तो छत्तीसगढ़ में वित्त विभाग में अफसर है। ऐसे सचिन को पिता की जगह अनुकंपा नौकरी कैसे मिल गई। जबकि अनुकंपा नियुक्ति का नियम है कि परिवार का एक सदस्य यदि सरकारी नौकरी में है तो किसी अन्य सदस्य को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी।


अनुकंपा नियुक्ति की फाइल और शपथ पत्र ले गई लोकायुक्त टीम


सौरभ किस तिकड़म से अनुकंपा नियुक्ति के नियम की अनदेखी कर आरटीओ में सिपाही बना था लोकायुक्त इसकी भी जांच कर रही है। इसलिए डीएसपी वीरेन्द्र रघुवंशी की अगुवाई में टीम भोपाल से परिवहन विभाग के ग्वालियर मुख्यालय आकर सौरभ की नियुक्ति की फाइल और शपथ पत्र को ले गई है।


धोखाधड़ी में फंसेगा परिवार

सौरभ शर्मा की अनुकंपा नौकरी के लिए उसकी मां उमा शर्मा का शपथ पत्र बुधवार को सोशल मीडिया पर भी सामने आया है। फिलहाल लोकायुक्त शपथ पत्र की जांच कर रही है। उसकी नजर में शपथ पत्र झूठा साबित होता है तो सौरभ शर्मा काली कमाई के साथ जालसाजी का दोषी होगा उसकी मां उमा शर्मा भी कानूनी शिकंजे में आएंगी।

नेताओं से नजदीकी, एक मंत्री जब दिल्ली जाते तो सौरभ कार में होता था साथ


सौरभ शर्मा की परिवहन विभाग में तूती बोलती थी। अब उसके सहकर्मी खुलासा कर रहे हैं सौरभ ने आरटीओ में नौकरी हासिल करने के कुछ दिन बाद ही अपना हुनर दिखा दिया था। उसका ज्यादातर वक्त राजनेताओं के साथ बीतता था। एक मंत्री तो जब भी दिल्ली जाते थे सौरभ ही उनकी कार ड्राइव करता था।

परिवहन विभाग में उसका रसूख भी सामने आ रहा है। महकमे के लोगों का कहना है सौरभ की शोहरत भरोसेमंद की नहीं थी। मुख्यालय (ग्वालियर) में तो स्टाफ को हिदायत थी कि उससे फोन पर कोई बात नहीं करेगा।

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