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पैसों की खातिर सरपंच ने खेला खेल, अपने पिता को भी बना दिया मजदूर

पंचायत के पूर्व सचिव ने गांव वालों से जॉब कार्ड में फर्जी मजदूरी करवा डाली। सचिव ने ऐसे लोगों के नाम भी जॉब कार्ड में भर दिए जो गांव में नहीं रहते।

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शिवपुरी। जनपद की ग्राम पंचायत गोपालपुर में ग्रामीणों की शिकायत पर अधिकारियों द्वारा की गई जांच में यह खुलासा हुआ है कि पंचायत के पूर्व सचिव ने गांव वालों से जॉब कार्ड में फर्जी मजदूरी करवा डाली। सचिव ने ऐसे लोगों के नाम भी जॉब कार्ड में भर दिए जो गांव में नहीं रहते।


जानकारी के अनुसार जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को ग्राम पंचायत गोपालपुर के ग्रामीणों ने शिकायत दर्ज कराई कि पंचायत का पूर्व सचिव रोशन सिंह वशिष्ठ जब गोपालपुर में पदस्थ था, तब उसने पिता निहाल सिंह वशिष्ट सहित अन्य ग्रामीणों के नाम पर जॉब कॉर्ड बनाकर उनसे फर्जी मजदूरी करवाई। इस शिकायत की जांच के लिए पंचायत विभाग ने पंचायत समन्वय अधिकारी आरके चौधरी, खंड पंचायत अधिकारी दौलत सिंह जाटव, सहायक यंत्री मनरेगा मुकेश जैन की तीन सदसीय टीम बनाकर मामले की जांच करवाई। जांच के दौरान टीम ने ग्रामीणों के बयान लेकर पंचनामा बनवाया, जिसके आधार पर टीम ने यह पाया कि पूर्व सचिव रोशन सिंह वशिष्ठ ने पंचायत में मनरेगा के जॉब कार्डों को संबंधितों को वितरित न करते हुए उनका दुरुपयोग किया है।

तीन सदस्यीय दल को जांच में ग्रामीणों ने ये बताया


जॉब कॉर्ड क्रमांक 607 का मुखिया निहाल सिंह वशिष्ठ १५-२० साल से गांव में नहीं रहता, उसने कोई मजदूरी नहीं की। वह सामाजिक न्याय विभाग का रिटायर्ड बाबू है।


जॉब कॉर्ड क्रमांक 603 के अमरसिंह ने बताया कि वह पोस्ट मास्टर के पद पर पदस्थ था। उसे कोई जॉब कार्ड प्राप्त नहीं हुआ है और उसने कोई मजदूरी नहीं की है।

जॉब कार्ड क्रमांक 547 का महेन्द्र सिंह गुना में फॉरेस्ट गार्ड के पद पर पदस्थ है। वह 20 साल से गांव में रहता ही नहीं।

जॉब कार्ड क्रमांक 548 का शीतल ङ्क्षसह इंदौर में प्रायवेट फैक्ट्री में कार्य करता है। उसका परिवार 20 साल से गांव में नहीं रहता।

ग्रामीण लोकेन्द्र सिंह के पिता अमरसिंह ने बताया कि लोकेन्द्र 1991 से गांव में नहीं रहता। अमर सिंह के अनुसार उसके पुत्र रूपेन्द्र ने भी कोई मजदूरी नहीं की है। इस तरह के कई बयान गांव वाालों ने दर्ज कराए। जांच टीम ने इन बयानों को दर्ज कर रिपोर्ट लोकपाल व कोर्ट को सौंप दी है।

कुछ अभिलेख हैं शेष
सीईओ जिला पंचायत के आदेश पर तीन सदस्सीय दल ने जांच की है, वह जांच रिपोर्ट लोकपाल व कोर्ट को सौंप दी गई है। इस मामले में कुछ अभिलेखों की आवश्यकता और है, वह अभिलेख प्राप्त होते ही मैं अपनी जांच रिपोर्ट जिला पंचायत सीईओ को सौंप दूंगा।
केके शर्मा, जिला पंचायत


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