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कैंसर पहाड़ी का नाम बदलने पैदल पहुंची महारानी प्रियदर्शनी

कैंसर पहाड़ी का नाम बदलने के लिए सिंधिया रियासत की महारानी और केंद्रीय मंत्री प्रियदर्शनी सिंधिया पैदल ही चल पड़ी.

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कैंसर पहाड़ी का नाम बदलने पैदल पहुंची महारानी प्रियदर्शनी, देखें वीडियो

कैंसर पहाड़ी का नाम बदलने पैदल पहुंची महारानी प्रियदर्शनी, देखें वीडियो

ग्वालियर. कैंसर पहाड़ी का नाम बदलने के लिए सिंधिया रियासत की महारानी प्रियदर्शनी सिंधिया पैदल ही चल पड़ी, आमजन अपने बीच महारानी को देखकर काफी खुश हुए, उन्होंने महारानी का स्वागत किया और फिर महारानी ने करीब 3 घंटे तक लोगों के बीच रूक कर पहाड़ी के नाम बदलने पर चर्चा की।

आपको बतादें कि ये पहला अवसर है, जब सिंधिया रियासत की महारानी लोगों के बीच पहुंची है, अब तक केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ही लोगों के बीच पहुंचते थे, इसके बाद उनके बेटे महान आर्यमन सिंधिया भी लोगों के बीच पहुंचने लगे और अब खुद महारानी भी पैदल चलते हुए लोगों के बीच पहुंची है।

प्रियदर्शनी राजे सिंधिया कैंसर पहाड़ी पर सुबह-सुबह महल से वॉक करते हुए पहुंची और लोगों के बीच सामान्य रूप से बैठकर कैंसर पहाड़ी का नाम बदलने को लेकर चर्चा की, लगभग 3 घंटे तक लोगों के बीच बैठकर प्रियदर्शनी राजे सिंधिया ने बातें कर लोगों के हाल-चाल को जाना और लोगों से पहाड़ी के नामकरण को लेकर पर्ची पर नाम कलेक्ट किए, लोगों से राय मशवरे के बाद कैंसर पहाड़ी का नाम शीतल संजीवनी पहाड़ी सहित दो अन्य नामों पर मंथन हुआ, इस दौरान प्रियदर्शनी राजे सिंधिया का सहज सरल और अलग अंदाज भी देखने को मिला, जहां उन्होंने लोगों के बीच पकौड़ी का लुफ्त उठाया तो वही पकौड़ी वितरण करने वाले आम लोगों के साथ अपने मोबाइल से सेल्फी भी ली, महारानी से चर्चा के बाद लोगों ने उनके इस कदम को सराहा है।


प्रियदर्शनी राजे सिंधिया ने कहा कि अक्सर वह यहां से शिवपुरी सुलतानगढ़ गुना सहित अन्य जगह जाने के लिए निकलती है, इसलिए यहां पर रहने वाले लोगों को वो जानती भी है, लेकिन उन्हें हमेशा से कभी अच्छा नहीं लगा कि इस खुबसूरत पहाड़ी का नाम कैंसर पहाड़ी है,जबकि यहां मध्य प्रदेश के 2 बड़े हॉस्पिटल हैं ,जो लोगों को नया जीवन दे रहे हैं साथ ही खुबसूरत प्लांटेशन और खुली हवा मौजूद है फिर भी इसे कैंसर पहाड़ी के नाम से जाना जाता है जिसे सुनकर शहर के साथ ही बाहर से आने वाले लोग भी नेगेटिव फील करते हैं, यही कारण है कि सबके साथ मिलकर पहल की है कि लोग यहां का नाम कुछ ऐसा रखें जिसे सुनकर पॉजिटिव फील हो लोग खुश हो। ऐसे में दो तीन नामों पर चर्चा चल रही है यहां पर रहने वाले यहां पर रोज वॉकिंग करने वाले लोग मिलकर तय करेंगे कि आखिर इसका फाइनल नाम क्या रखना है जो पॉजिटिव फील वाला हो।

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सिंधिया परिवार राजनीति के साथ सामाजिक सेवा के कामों में भी आगे आता रहा है। ऐसे में सिंधिया रियासत की महारानी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया भी अपनी पति और बेटे की तरह जनता के बीच सीधे रूबरू होने लगी है। और उनका अंदाज भी महारानी से हटकर आम आदमी की तरह नजर आया है।

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