
बदनापुरा में नहीं डल सकती सीवर लाइन, दूसरे विकल्प की तलाश
ग्वालियर। बदनापुरा में सीवर लाइन डालने के लिए फिजिविलिटी नहीं मिल रही है। निगम की टीम ने दो बार निरीक्षण किया है, लेकिन यहां की भौगोलिक स्थिति ऐसी नहीं है कि सीवर लाइन डालकर सभी घरों को उससे कनेक्ट किया जा सके। अब सीवर लाइन के बजाए अधिकारी वैकल्पिक तकनीक पर विचार कर रहे हैं, जिससे यहां की समस्या का निदान हो सके।
मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने करीब 4 महीने पहले बदनापुरा में सीवर लाइन डालने के लिए भूमिपूजन किया था, लेकिन इसके बाद यहां लाइन नहीं डाली गई। विगत दिनों बैठक में मंत्री ने जब निगम अधिकारी शिशिर श्रीवास्तव से इस संबंध में प्रश्न किया तो उन्होंने वहां सीवर लाइन डालने के लिए फिजिविलिटी नहीं होने की बात कही थी। इस पर मंत्री ने श्रीवास्तव के पैर छूकर जल्द लाइन डालने के लिए कहा था।
ढलान पर बने हैं घर
निगम का दल दो बार बदनापुरा का निरीक्षण कर चुका है, लेकिन यहां की स्थिति ऐसी नहीं है कि सीवर लाइन डाली जा सके। दरअसल सीवर लाइन ऊंचाई से नीचे की ओर डाली जाती है, जिससे पूरा पानी बिना किसी रुकावट के निकल जाए, लेकिन यहां घर ढलान पर बने हैं, ऐसे में सभी घरों को जोडकऱ सीवर के पानी को बाहर नहीं निकाला जा सकता है।
विशेषज्ञों से ले रहे राय
सीवर लाइन के अलावा दूसरी तकनीक पर विचार चल रहा है, जिसके जरिए यहां की समस्या हल की जाए। इसके लिए निगम अधिकारी विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं, जिससे 200 घरों के सीवर को ट्रीट किया जा सके। इसके लिए निगम अधिकारी बड़े सेप्टिक टैंक बनाने पर विचार कर रहे हैं।
दूसरे विकल्प की तलाश
सीवर लाइन के लिए फिजिविलिटी नहीं मिल रही है। इसे लेकर अब दूसरी तकनीक तलाश रहे हैं, जिससे यहां की समस्या का निदान किया जा सके।
अनमोल कोचर, कार्यपालन यंत्री, सीवर
Published on:
12 Mar 2020 12:53 am
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