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मप्र के हिल स्टेशन में गुजारे छह दिन, गुलाबी सर्दी के बीच रहे प्रकृति के नजदीक

पचमढ़ी की खूबसूरत वादियां देख खत्म हो गई थी सारी निगेटिविटी

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मप्र के हिल स्टेशन में गुजारे छह दिन, गुलाबी सर्दी के बीच रहे प्रकृति के नजदीक

मप्र के हिल स्टेशन में गुजारे छह दिन, गुलाबी सर्दी के बीच रहे प्रकृति के नजदीक

ग्वालियर.

पचमढ़ी मध्यप्रदेश का हिल स्टेशन है। यहां जाने की इच्छा बहुत पहले से थी, लेकिन व्यस्तता के चलते जाना नहीं हो पाया। पिछले साल कोविड के केस कम होते ही अगस्त में मैंने हसबैंड नितिन और बेटा कान्हा के साथ जाने का प्लान किया। वहां पहुंचकर ऐसा लगा जैसे हम जन्नत में आ गए हों। गुलाबी सर्दी का अहसास, प्रकृति के एकदम करीब रहकर छह दिन कैसे निकल गए, पता ही नहीं चला। वहां पहुंचकर कोविड के दौरान की सारी निगेटिविटी खत्म हो गई और नए विचार आने लग गए।

हर दिन बीतता तो लगता कास समय ठहर जाए
पचमढ़ी के टूर डेस्टिनेशन के बारे में हमे पहले से पता था। बाकी कुछ इंटरनेट की मदद से सर्च किया। यहां कई पुरानी गुफाएं देखने को मिलीं। तालाब, चारों तरफ हरियाली, भरे जंगल, पहाड़ों की ऊंचाई से गिरते झरने, यहां की सुंदरता में चार चांद लगा रहे थे। इस स्थान पर हर दिन बीतता तो ऐसा लगता कि कास यह समय यहीं ठहर जाए। घूमने के दौरान जंगली जानवर गौर, तेंदुआ, भालू आदि को देख मन रोमांचित हो उठा। वहां घूमने के लिए हमने जीप की तो कभी पैदल घूमना रोमांच से भरा रहा।

पहले दिन किए महादेव मंदिर के दर्शन
पहले दिन हमने महादेव मंदिर सहित अन्य मंदिरों के दर्शन किए। टेम्पल में पॉजिटिव एन्वॉयर्नमेंट मिला। यहां हमने दर्शन के बाद काफी समय बैठकर गुजारा। आकर्षण का केन्द्र बी फॉल और रूपगढ़ की चोटी थी, जहां समय बिताना अलग ही अनुभूति रही। यहां घूमने के साथ हमने ढेरों फोटो क्लिक किए।

कहानियां सुन रखी थीं, पहली बार देखी पांडव गुफा
पांडव गुफा के बारे में हमने बहुत सी स्टोरी सुन रखी थी। यह वाकई बहुत खूबसूरत थी। हमने जटा शंकर गुफा, अप्सरा विहार, बी फॉल, डचेस फॉल भी घूमा। इसके बाद भी कई जगहें ऐसी रहीं, जहां जाना नहीं हो सका। अब जल्द ही एक बार फिर समर सीजन में जाने का प्लान है।

यहां टूरिस्ट के लिए अच्छी फैसिलिटीज
पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी या क्वीन ऑफ सतपुड़ा भी कहा जाता है। यह सतपुड़ा की श्रेणियों में स्थित है। यह 1110 मीटर की ऊंचाई पर होने के कारण प्रदेश भर में सबसे ठंडा है। यहां वर्ष भर जाया जा सकता है। हमने एक बात अनुभव किया कि टूरिस्ट के लिए वहां अच्छी व्यवस्थाएं हैं। वहां अच्छे होटल, गाइड, रेस्टोरेंट, गाड़ी की व्यवस्था है।
डॉ नीति पांडे, शिक्षाविद्, ग्वालियर