
कोर्ट ने अपील खारिज करने का आदेश रद्द किया, जीएसटी ने कर दिया था रजिस्ट्रेशन निरस्त
HIGH COURT की युगल पीठ ने जय श्री महाकाली इंटरप्राइजेज की दायर याचिका पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए अपीलीय प्राधिकारी का आदेश रद्द कर दिया है। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कि प्रक्रिया न्याय की सहायक है, बाधक नहीं। अर्थात न्याय का उद्देश्य प्रक्रिया का कठोर पालन करना नहीं, बल्कि वास्तविक विवाद का समाधान करना है। अदालत ने पाया कि अपीलीय प्राधिकारी ने देरी के कारणों पर विस्तृत विचार नहीं किया और अपील को सीधे खारिज कर दिया, जो उचित नहीं था। कोर्ट ने मामले को दोबारा मेरिट पर सुनवाई के लिए भेजते हुए फर्म पर 25 हजार रुपये की लागत जमा करने की शर्त लगाई है।
विभाग ने जय श्री महाकाली इंटरप्राइजेज का जीएसटी पंजीकरण 17 मई 2024 को रद्द कर दिया गया था। इसके खिलाफ अपील दायर की गई, लेकिन अपीलीय प्राधिकारी (उत्तरदाता क्रमांक 2) ने 4 अगस्त 2025 को यह कहते हुए अपील खारिज कर दी कि 305 दिन की देरी से दाखिल हुई है। याचिकाकर्ता का कहना था कि उन्हें पंजीकरण रद्दीकरण वाले आदेश की प्रति समय पर प्राप्त नहीं हुई थी। आदेश 29 अगस्त 2025 को उन्हें ज्ञात हुआ, जिसके कारण उनकी ओर से अपील में अनजाने में देरी हो गई। उन्होंने कोर्ट के समक्ष यह भी कहा कि फर्म नई है और प्रारंभिक समय में ही उसे गंभीर वित्तीय झटका लगा, इसलिए परिस्थितियां प्रतिकूल रही। याचिकाकर्ता की दलीलों पर विचार करते हुए कोर्ट ने कहा कि अपीलीय प्राधिकारी को देरी के कारणों का समुचित परीक्षण करना चाहिए था।
Published on:
10 Dec 2025 11:17 am
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