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विकास में इको फ्रेंडली तकनीक का इस्तेमाल

नेपाल के पूर्व संसाधन मंत्री दीपक ग्यावली ने विकास योजनाओं में इको फ्रेंडली तकनीक के इस्तेमाल की वकालत करते हुए कहा कि हम सबको विकास की जरुरत है, लेकिन यह प्रकृति के संतुलन के साथ होना चाहिए।  ग्यावली शनिवार को आईटीएम विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स से मुखातिब थे।

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Avdesh Shrivastava

Sep 18, 2016

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ग्वालियर।
नेपाल के पूर्व संसाधन मंत्री दीपक ग्यावली ने विकास योजनाओं में इको फ्रेंडली तकनीक के इस्तेमाल की वकालत करते हुए कहा कि हम सबको विकास की जरुरत है, लेकिन यह प्रकृति के संतुलन के साथ होना चाहिए।

ग्यावली शनिवार को आईटीएम विश्वविद्यालय में स्टूडेंट्स से मुखातिब थे। प्रो. मधु लिमये स्मृति सभागार में आयोजित व्याख्यान में जाने-माने पर्यावरण विद प्रो. विजय प्रताप भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि हम सभी को विकास की जरूरत हैं, लेकिन ऐसा विकास किस काम का जो प्रकृति को और पर्यावरण को नुकसान पंहुचाएं। उन्होंने बताया कि नेपाल के झुमला गांव में छह हजार फीट की ऊंचाई पर धान की खेती की जाती है। किसान विषम परिस्थितियों में यहां खेती करते हैं, तो सिर्फ इसलिए कि प्रकृति और पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि नेपाल में ज्यादातर विकास प्रोजेक्ट एनवायरमेंट फ्रेंडली हैं चाहे वे बिजली के प्रोजेक्ट हो या पानी के।

शुरू में आईटीएम के कुलाधिपति रमाशंकर सिंह ने छात्रों के बीच ग्यावली का परिचय दिया। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय जैन ने ग्यावली व विजय प्रताप का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। इस अवसर पर डीन डॉ. रंजीत तोमर, सुधांशु शर्मा, इंटरनेशल स्टूडेंट डिवीजन के कोर्डिनेटर अशमेन्द्र शर्मा, दीपक शर्मा व राघवेन्द्र झा सहित बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स उपस्थित थे।