
फाइल फोटो- पत्रिका
जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने राज्य सरकार से राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग कर्मकार (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम-2023 के नियम बनाकर इसे उसकी मूल भावना के अनुरूप लागू करने की मांग की है, ताकि गिग श्रमिकों को राहत मिल सके।
गहलोत ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि जब पूरा देश नववर्ष के स्वागत की तैयारियों में जुटा है, तब गिग वर्कर्स, यानी डिलीवरी पार्टनर्स, हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं। ये वे श्रमिक हैं जो रोजाना की कमाई से अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। जिस दिन अधिक ऑर्डर मिलने की संभावना होती है, उस दिन दिहाड़ी छोड़कर हड़ताल पर जाना इनके लिए शौक नहीं, बल्कि आर्थिक मजबूरी है।
उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गिग वर्कर्स ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलकर अपनी पीड़ा साझा की थी। राहुल गांधी की पहल पर कांग्रेस सरकार ने उनकी समस्याओं को समझते हुए देश का पहला ‘राजस्थान प्लेटफॉर्म आधारित गिग कर्मकार (पंजीकरण और कल्याण) अधिनियम-2023’ पारित किया, ताकि गिग श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा मिल सके।
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गहलोत ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि उस ऐतिहासिक कानून के क्रियान्वयन में वर्तमान सरकार की उदासीनता के कारण आज ये श्रमिक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह अविलंब इस कानून के नियम बनाकर इसे प्रभावी रूप से लागू करे। गहलोत ने यह भी कहा कि राजस्थान की तर्ज पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने भी गिग वर्कर्स के लिए कानून बनाया है। केन्द्र सरकार को भी इसी तरह का कानून बनाकर निजी कंपनियों के शोषण से गिग श्रमिकों को बचाना चाहिए।
Updated on:
31 Dec 2025 06:01 pm
Published on:
31 Dec 2025 05:57 pm
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