10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बुखार से पीडि़त तीसरी आदिवासी बच्ची ने दम तोड़ा, एंबुलेंस चालक छोडक़र भागा

छापर गांव के सहराने में निमोनिया के चलते दो बच्चों की मौत होने और एक की हालत गंभीर होने के बाद उसे रैफर कर दिया गया। इस मामले को पत्रिका ने अपने 18 अगस्त के अंक में अज्ञात बीमारी से दो बच्चों की मौत, एक ग्वालियर रैफर शीर्षक से खबर प्रकाशित की। जिसके बाद शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और बच्चों की जांच की गई।

less than 1 minute read
Google source verification
बुखार से पीडि़त तीसरी आदिवासी बच्ची ने दम तोड़ा, एंबुलेंस चालक छोडक़र भागा

बुखार से पीडि़त तीसरी आदिवासी बच्ची ने दम तोड़ा, एंबुलेंस चालक छोडक़र भागा

विजयपुर(श्योपुर). विजयपुर ब्लॉक के ग्राम छापर के सहराने में एक और बीमार बालिका ऊषा पुत्री शिवङ्क्षसह आदिवासी उम्र 4 साल की मौत हो गई। गुरुवार की शाम को विजयपुर अस्पताल से इस बालिका को गंभीर हालत के चलते ग्वालियर रैफर किया था, लेकिन कैलारस के पास पहुंचते ही बच्ची की मौत हो गई। विशेष बात यह है कि बच्ची की मौत के बाद एंबुलेंस वाले उसे कैलारस अस्पताल में छोडक़र रफूचक्कर हो गए।
हालांकि बालिका का पिता वापस विजयपुर ले जाने के लिए एंबुलेंस चालक से गुहार लगाता रहा लेकिन चालक ने एक नहीं सुनी और शव को कैलारस अस्पताल में छोडक़र खाली गाड़ी लेकर विजयपुर आ गया। जिसके चलते पीडि़त बच्ची के पिता ने अस्पताल व आसपास के लोगों से मदद की गुहार लगाई तब कहीं जाकर बच्ची के शव को छापर गांव बड़ी मुश्किल से लाया गया। शुक्रवार को इसकी शिकायत पीडि़त ने एसडीएम नीरज शर्मा से की है।
दूसरे दिन गांव में पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम
छापर गांव के सहराने में निमोनिया के चलते दो बच्चों की मौत होने और एक की हालत गंभीर होने के बाद उसे रैफर कर दिया गया। इस मामले को पत्रिका ने अपने 18 अगस्त के अंक में अज्ञात बीमारी से दो बच्चों की मौत, एक ग्वालियर रैफर शीर्षक से खबर प्रकाशित की। जिसके बाद शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची और बच्चों की जांच की गई।
इस तरह की शिकायत मेरे पास भी आई है, मैंने बीएमओ से बात कर एंबुलेंस चालक के खिलाफ कार्रवाई को कहा है। इस तरह से शव को छोडऩा मानवता के खिलाफ है।
नीरज शर्मा, एसडीएम, विजयपुर
हम लोग अपनी टीम के साथ छापर सहराना गांव पहुंचे, जहां पर प्रथम²ष्टया निमोनिया से मौत होने का मामला सामने आया है। अब गांव में ऐसी कोई बात नहीं है।
डॉ.राघवेंद्र कर्ण, बीएमओ, विजयपुर