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जिले की प्रसिद्ध वैरायटी ग्वालियर-27 सहित अमरूद की इस बार 20 हजार कलम हो रहीं तैयार

-शहर का नाम करेगा लखनऊ-49, इलाहाबाद सफेदा, ललित के नाम का अमरूद-उद्यानिकी विभाग करेगा प्रमोट

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जिले की प्रसिद्ध वैरायटी ग्वालियर-27 सहित अमरूद की इस बार 20 हजार कलम हो रहीं तैयार

जिले की प्रसिद्ध वैरायटी ग्वालियर-27 सहित अमरूद की इस बार 20 हजार कलम हो रहीं तैयार

ग्वालियर। सीमित संसाधन और कम जमीन में ही जिले में ही विकसित अमरूद की किस्म ग्वालियर-27 के अलावा और गुलाब एवं गेंदा की खेती किसानों को नगद आमदनी हो रही है। किसानों के आकर्षण को ध्यान में रखकर अब उद्यानिकी विभाग ने अमरूद की 20 हजार कलम तैयार की हैं।

ये सभी कलम अगले कुछ दिन में पौधे के रूप में अलग कर दी जाएंगीं। इसके साथ ही 60 हैक्टेयर भूमि में लाल, सफेद और गुलाबी गुलाब के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। लाल मूली, बैंगनी गोभी, काली गाजर, चार प्रकार के कद्दू की हाइब्रिड किस्मों की भी पौध तैयार की जा रही है।


ये किस्में हो रही तैयार
-अमरूद की 35 हजार कलम तैयार की गई हैं, इनमें से पूरी तरह से विकसित 20 हजार कलम पौधे का रूप लेंगीं।
-तैयार हो रही किस्मों में इलाहाबादी सफेदा, लखनऊ-49, ग्वालियर-27, ललित, स्वेता शामिल हैं।
-ग्वालियर में ही विकसित की गई अमरूद की ग्वालियर-27 किस्म की सबसे ज्यादा डिमांड है।


यहां के किसानों ने उठाया अभी फायदा
-भितरवार क्षेत्र के बनवार,मउछ,हिम्मतगढ़ में करीब 100 हैक्टेयर कृषि भूमि पर पारंपरिक खेती की बजाय किसानों को अमरूद से आय मिल रही है। अमरूद के पेड़ों के बीच में खाली जगह पर सब्जी उत्पादन करके पूरे वर्ष भर दैनिक आय भी ले रहे हैं।
-घाटीगांव के भयपुरा, सिमरिया टांका और भितरवार ब्लॉक के आंतरी-संदलपुर क्षेत्र की 60 हैक्टेयर भूमि में गुलाब, गेंदा,कच्ची सेवंती की फसल को उगाया जा रहा है।
-पारंपरिक खेती छोड़कर लघु-सीमांत किसान अब धीरे-धीरे फल और फूलों की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं। ताकि कम जगह में भी अच्छी आमदनी हो सके।


वर्सन
-किसानों को निश्चित आय का जरिया प्रदान करने के लिए हमने इस बार सब्जियों की एकदम नई किस्मोंं की पौध नर्सरी में तैयार करने का निश्चय किया है। जबकि अमरूद के 20 हजार पौधे जल्द तैयार हो जाएंगे। हमने किसानों को नर्सरी में ही तकनीकी जानकारी देने का भी निश्चय किया है ताकि किसानों को मौखिक जानकारी के साथ ही प्रैक्टिकल भी दिखाए जा सकें।
एमपीएस बुंदेला, सहायक संचालक-उद्यानिकी


-सब्जी और फल उत्पादन को आमदनी का माध्यम बनाने के लिए हम युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं। इसके लिए न सिर्फ गांव बल्कि शहरी क्षेत्र के युवाओं को भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। अमरूद की मांग लगातार रहती है, इसलिए किसानों का रुझान बढ़ा है।
आशीष तिवारी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी-जिला पंचायत